इंदौर गोलीकांड का शूटर गिरफ्तार ,फरार आरोपियों पर घोषित होगा इनाम

इंदौर गोलीकांड का शूटर गिरफ्तार ,फरार आरोपियों पर घोषित होगा इनाम

इंदौर
इंदौर गोलीकांड में सामने आया है कि बड़े शराब माफिया छोटे ठेकेदारों को दबाकर व्यापार पर कब्जा करना चाहते थे। सोमवार रात सिंडिकेट ऑफिस में गोलियां चलाने वाले मुख्य शूटर रितेश करोसिया और चिराग ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दरअसल, इंदौर में पिछले दिनों शराब ठेकेदारों में हुए गैंगवार में सिंडिकेट के ऑफिस में शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर पर गोलियां चलाने वाले रितेश करोसिया और चिराग ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूरे मामले में अब तक 7 गिरफ्तारियां हो चुकी है। वहीं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें शहर और शहर से बाहर तलाश में जुटी हुई है।


शराब सिंडिकेट गोलीकांड के बाद पुलिस ने सिंडिकेट ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर जब्त किया था। पुलिस ने घटनाक्रम के वीडियो फुटेज कई बार देखे तो उसमें रितेश करोसिया नामक आरोपी अर्जुन पर गोली चलाते हुए नजर आया।

मामले की सर्चिंग के जुटी पुलिस को सोमवार को सूचना मिली कि रितेश करोसिया क्षिप्रा पुल के पास से गुजरने वाला है। इस पर पुलिस टोह लेना शुरू किया और आखिर में पुलिस को रितेश एक ट्रक में दिखा जिसके बाद आरोपी की घेराबंदी की गई तो वह तेज रफ्तार ट्रक से कूद गया जिसके चलते उसके हाथ-पैर में चोंटे आ गई। इसके बावजूद उसने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने पीछा कर उसे पकड़ लिया।


वहीं आरोपी चिराग ठाकुर के बारे में पुलिस को सूचना मिली कि वह रतलाम में फरारी काट रहा है। जिसके बाद पुलिस की एक टीम रतलाम भेजी गई और उसे योजनाबद्ध तरीसे से पकड़ लिया गया। आरोपी ने घटना के बाद राजस्थान के कई जिलों में फरारी काटी और उज्जैन भी गया वहां से रतलाम आया तो पकड़ा गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ कई केस दर्ज हैं।

आरोपी चिराग ठाकुर तो कुछ साल पहले हुई एक हत्या के मामले में भी आरोपी रहा है। इंदौर पश्चिम एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि गिरफ्त में आये दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर उनकी रिमांड मांगी जाएगी। वही उन्होंने बताया की अब तक 7 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं अन्य आरोपियों पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित करने के लिए इंदौर डीआईजी को प्रतिवेदन भेज दिया गया है।

फिलहाल, पुलिस अब मुख्य रूप से फरार हेमू ठाकुर की तलाश कर रही है। घटना के दौरान वह भी भाई चिंटू ठाकुर के साथ था। ऐसे ही ए.के. सिंह और पिंटू भाटिया भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। हेमू के मामले में पुलिस को कुछ सूत्र मिले हैं जिनके आधार पर उसकी घेराबंदी की जा रही है।