चाय के बाद अब महुआ से यूरोप की कंपनी बना रही एनर्जी बार
भोपाल। अब एनर्जी बार और एनर्जी चॉकलेट बनाने के लिए महुआ के फल और फूल का उपयोग किया जा रहा है। यूरोप की एक कंपनी पहली बार इससे एनर्जी बार बनाने जा रहा है। बता दें कि यूरोप ने कोरोना काल के बाद हमारे महुए को लेकर कई प्रयोग किए। इसकी चाय अब वहां काफी पॉपुलर हो रही है। कंपनी का मानना है कि इससे बनने वाली एनर्जी बार इम्युनिटी बूस्टर का काम करेगी।
पिछले साल करीब 35 हजार क्विंटल महुआ का संग्रहण
लघु वनोपज संघ ने पिछले साल पूरे प्रदेश से करीब 35 हजार क्विंटल महुआ का संग्रहण कराया था। अन्य देशों में इसे बेचने के प्रयास भी किए गया। पहली सफलता लंदन में मिली। यहां की एक कंपनी ने एनर्जी बार बनाने के लिए महुआ खरीदने की इच्छा जताई। उसकी मांग के अनुसार नर्मदापुरम के केसरा से 17 क्विंटल महुआ एक्सपोर्ट किया गया। इसे करीब 105 रुपए की किलो की दर से बेचा गया। लघु वनोपज संघ के अधिकारियों के अनुसार महुआ संग्रहण का न्यूनतम मूल्य 35 रुपए है। अच्छी क्वालिटी का होने पर भी 40-45 रुपए किलो से ज्यादा भाव नहीं मिल पाता है।
वन धन केंद्र कुकीज और बिस्किट तैयार कर रहा, यूरोप में चल रही कई तरह के रिसर्च
लघु वनोपज संघ की एएमडी अर्चना शुक्ला के अनुसार, महुआ से अलग-अलग प्रोडक्ट तैयार करने को लेकर यूरोप के कई देशों की कंपनियां रिसर्च कर रही है। धीरे-धीरे इससे बनी चाय वहां फेमस हो रही है। अभी ग्रामीण अंचलों में इसके लड्डू तैयार किए जाते हैं तो वन धन केंद्र कुकीज और बिस्किट तैयार कर रहा है।
लंदन गया था 17 क्विंटल महुआ, 200 टन तक विदेश भेजने की तैयारी
संघ ने अन्य देशों में इसे बेचने के प्रयास भी किए। पहली सफलता लंदन में मिली। उसकी मांग के अनुसार नर्मदापुरम के केसरा से 17 क्विंटल महुआ एक्सपोर्ट किया गया। इसे करीब 105 रुपए की किलो की दर से बेचा गया। अधिकारी के अनुसार, इस बार 200 टन तक महुआ विदेश भेजने की तैयारी है।