मप्र में जल्द बनेगी जल नीति, प्रधानमंत्री ने जल मंत्रियों के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया

मप्र में जल्द बनेगी जल नीति, प्रधानमंत्री ने जल मंत्रियों के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में आयोजित जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। वहीं कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी जल नीति जल्दी लेकर आने वाला है। वाटर विजन के इस कार्यक्रम में जो मंथन होगा, उसके निष्कर्ष को नीति में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है नर्मदा सेवा यात्रा के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश देने के साथ जन जागरूकता का काम किया गया है। खेत तालाब योजना बनाकर प्रदेश का काम किया गया तो किसानों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे जिसमें कम पानी लगे। बांधों की क्षमता बढ़ाने के लिए सिल्ट निकालने की कार्य योजना बनाई गई है!

आज भारत जल सुरक्षा में अभूतपूर्ण काम कर रहा है और अभूतपूर्ण निवेश भी कर रहा: पीएम 

इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज भारत जल सुरक्षा में अभूतपूर्ण काम कर रहा है और अभूतपूर्ण निवेश भी कर रहा है। जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कई राज्यों ने इसमें अच्छा काम किया है और कई राज्य इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जल संरक्षण के लिए केंद्र ने अटल भू-जल संरक्षण योजना की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए जन भागीदारी की सोच को जनता के मन में जगाना है। हम इस दिशा में जितना ज़्यादा प्रयास करेंगे उतना ही अधिक प्रभाव पैदा होगा। देश हर जिले में 75 अमृत सरोवर बना रहा है और अब तक 25,000 अमृत सरोवर बन भी चुके हैं। राज्यों के मंत्रियों का यह प्रथम अखिल भारतीय सम्मेलन कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हो रहा है। इसमें वाटर विजन एट 2047 पर संवाद होगा। पानी बचाने से जुड़े हर पहलू पर चर्चा होगी। साथ ही जिन क्षेत्रों में पानी की खपत अधिक है उसे कम करने और संतुलन बैठाने के विषय पर भी चर्चा हो रही है। सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय जलशिक्त राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल, मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के अलावा अनेक गणमान्य लोग शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में हमें विजनरी नेतृत्व मिला : शिवराज

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सीएम शिवराज ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में हमें विजनरी नेतृत्व मिला है। वे भविष्य की आवश्यकताओं पर काम करते हैं। हमें पता ही नहीं था कि देश में कितनी जल संरचनाएं हैं। मध्यप्रदेश में 2003 तक सिंचाई की क्षमता साढे सात लाख हेक्टेयर थी। अब 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। 65 लाख हेक्टेयर में क्षमता विकसित कर रहे हैं। जहां नहर नहीं बन रही है, वहां पाइप से पानी पहुंचाने पर काम कर रहे हैं। हमने जलाभिषेक अभियान चलाया है। नई संरचना बना रहे हैं। जन-जन को जल संरक्षण के काम से जोड़ रहे हैं प्रधानमंत्री जी ने भी कहा कि जल संरक्षण का काम आमजन को जोड़े बिना संभव नहीं है।

प्रदेश में पौधारोपण के लिए कई कार्यक्रम
सीएम शिवराज ने कहा कि मप्र में पौधारोपण को अभियान का रूप दिया गया है। मैं स्वयं प्रतिदिन तीन पौधे लगाता हूं। प्रदेश में पौधारोपण के लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पधारे सभी राज्यों के मंत्रियों और अन्य अतिथियों से आग्रह किया कि शुक्रवार को उनके साथ पौधारोपण करें। जहां यह कार्यक्रम होगा। उसे वाटर विजन गार्डन नाम दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि हम प्रदेश में स्वच्छता, पानी बचाओ, बेटी बचाओ, ऊर्जा संरक्षण और पौधे लगाने का अभियान चला रहे हैं।
गौरतलब है कि दो दिवसीय इस सम्मेलन में राज्यों के हितधारकों से विजन एट 2047 के लिए इनपुट लिया जा रहा है। परंपरागत जल प्रबंधन की योजनाओं पर निचले स्तर पर काम करने के लिए लोगों को जागरूक करने की दिशा में कदम उठाने पर चर्चा की जा रही है। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

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