विटामिन-बी12 सेहत के लिए कितना जरूरी, जानिए कैसे पूरी करें इसकी कमी

विटामिन-बी12 सेहत के लिए कितना जरूरी, जानिए कैसे पूरी करें इसकी कमी
क्या आप हर समय सुस्ती या थकान मसहूस करते हैं? क्या आपको किसी भी काम में मन लगाने में मुश्किल पेश आती है? अगर हां तो मुमकिन है आप विटामिन-डी की कमी से जूझ रहे हों। डिटॉक्स ऑफ साउथ फ्लोरिडा से शोधकर्ताओं ने अपने हालिया अध्ययन के आधार पर यह आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि विटामिन-बी12 लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के निर्माण के लिए अहम है। आरबीसी न सिर्फ फेफड़ों में मौजूद ऑक्सीजन को ऊतकों में पहुंचाती हैं, बल्कि ऊतकों में पैदा होने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों में ले जाने का काम भी करती हैं, ताकि इसे शरीर से बाहर निकाला जा सके। मुख्य शोधकर्ता विक्रम तारुगु के मुताबिक आरबीसी की कमी से व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है। उसमें कोशिकाओं को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण सुस्ती, थकान, एकाग्रता में कमी, भ्रम, फैसले लेने की क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं पनपना भी मुमकिन है। याददाश्त के लिए जरूरी -विटामिन-बी12 तंत्रिका तंत्र में मौजूद कोशिकाओं में क्षरण की समस्या को भी दूर रखता है। इससे मस्तिष्क में सिकुड़न की शिकायत नहीं सताती, जो आगे चलकर अल्जाइमर्स, डिमेंशिया और पार्किंसंस डिजीज जैसी जानलेवा बीमारियों का सबब बन सकती है। 2008 में ‘अमेरिकन अकेडेमी ऑफ न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित एक अध्ययन में उन लोगों के मस्तिष्क में सबसे ज्यादा सिकुड़न दर्ज की गई थी, जो विटामिन-बी12 की कमी का सामना कर रहे थे। ये लोग याददाश्त, एकाग्रता और तार्किक क्षमता में कमी आने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे। डिप्रेशन में भी कारगर अमेरिका में डिप्रेशन के शिकार 199 मरीजों पर हाल ही में हुए एक अध्ययन में विटामिन-बी12 की कमी और मनोवैज्ञानिक रोगों के खतरे के बीच सीधा संबंध पाया गया था। शोधकर्ताओं ने मरीजों को दो समूह में बांटा था। पहले समूह को डिप्रेशन रोधी दवाओं के साथ विटामिन-बी12 की गोली खिलाई। वहीं, दूसरे समूह के मरीजों को सिर्फ डिप्रेशन रोधी दवाओं का सेवन करवाया। एक महीने बाद पहले समूह के सभी प्रतिभागियों ने उदासी, बेचैनी, नाउम्मीदी और खुदकुशी के ख्याल में कमी आने की बात कही, जबकि दूसरे समूह में यह आंकड़ा 69 प्रतिशत ही था। गर्भावस्था में सेवन फायदेमंद- तारुगु ने दावा किया कि गर्भावस्था में विटामिन-बी12 का सेवन फॉलिक एसिड जितना ही जरूरी है। इससे गर्भस्थ शिशु में पक्षाघात का खतरा घटता है। साथ ही अविकसित खोपड़ी या मस्तिष्क वाले बच्चे के जन्म की आशंका में भी कमी आती है। त्वचा और बालों की चमक बढ़ती है- शोधकर्ताओं ने बताया कि चूंकि विटामिन-बी12 कोशिकाओं और ऊतकों में ऑक्सीजन का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए अहम है, लिहाजा इसे त्वचा, बालों व नाखून की चमक बढ़ाने के साथ ही उन्हें मजबूत बनाने के लिए भी जरूरी करार दिया गया है।