rafi ahmad ansari
बालाघाट। पिछले शुक्रवार को हुई भारी बारिश से बालाघाट बैहर मार्ग के गांगुलपारा और बंजारी के बीच में अधिकांश हिस्सा भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया है और साथ ही साथ सैकडो पेड भी उखडकर सडक पर गिरे पडे हुए है। देर शाम आई तस्वीरो से ऐसा लग रहा है कि क्षतिग्रस्त हुए मार्ग के मरम्मत कार्य में भारी मशक्कत का सामना करना पडेगा। वही मरम्मत कार्य में काफी समय भी लग सकता है।

वर्तमान में आवागमन अवरूद्ध हो जाने से चिखलाझोडी, रूपक्षर, उकवा, समनापुर, बैहर मलांजखंड, कान्हा मुक्की, बिरसा, सालेटेकरी,दमोह,गढी सहित जो अनेक गांवो का सम्पर्क टूट गया है। जो लोग किसी ना किसी काम से प्रतिदिन बालाघाट जिला मुख्यालय आते थे, उन्हे अब जिला मुख्यालय आने के लिये करीब 60-70 किलोमीटर अधिक दूरी का सफर करके वाया परसवाडा,लामता होते हुए आना पड रहा है।

बालाघाट बैहर मार्ग में गांगुलपारा और बंजारी के बीच भूस्खलन होने की सुचना के बाद जिले के अन्य कई पहाडी हिस्सो में भी भुस्खलन की खबरें प्राप्त हो रही है। जिनमें डाबरी से पितकोना, चौरिया,घोटी लांजी मार्ग के बीच स्थित चौरिया घाटी का अधिकांश हिस्सा भूस्खलन होकर क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसकी वजह से उस क्षेत्र में बसने वाले दर्जनो गांव के लोगो का भी आवागमन बाधित हो गया है। उपरोक्त जानकारी अधिकृत रूप से प्राप्त हुई है। इसके अलावा वनांचल के अनेक क्षेत्र ऐसे है जो पहाडियों पर बसे हुए है और वहां तक जाने के लिये अधिंकाश तौर पर पहाडी-घाटियो से ही होकर गुजरना पडता है। जिनमें केराडी से खमारडीह, देवरबेली से टेमनी, बोदरा से सायर-संदूका, देवरबेली से नल्लेझरी और बरगुड सतोना आदि अनेक ऐसे क्षेत्र है जहां भूस्खलन होने से आवागमन प्रभावित हो गया है और लोगो को अपने काम काज के प्रति खासा परेशान होना पड रहा है।