ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतों पर परिजनो ने उठाये सबाल, कहा- अस्पताल को थी सिर्फ बिल की चिंता

नई दिल्ली
दिल्ली स्थित जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में शनिवार को ऑक्सीजन की कमी से 20 लोगों की मौत हो गई। वहीं, मृतकों के परिवारजनों के पास अपने प्रियजन को खोने और उसकी लाश पर आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं है। आखिर इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा? मृतकों के परिवारजनों में से एक हरि सिंह तौमर ने मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया। ऑक्सीजन की कमी से उन्होंने अपनी भाभी को खो दिया। रोते हुए हरि सिंह ने कहा, 'मेरी भाभी इस बीमारी से उबर रही थीं। अस्पताल ने हमें ऑक्सीजन की कमी के बारे में कोई सूचना नहीं दी।
अगर वे हमें बताते तो हम ऑक्सीजन का इंतजाम करते। उन्हें केवल अपने बिल की चिंता थी और कुछ नहीं। उनके इलाज के लिए हमने अपना मकान भी गिरवी रख दिया था।' एक अन्य पीड़ित दिनेश कटारिया ने कहा, 'उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनका भाई अब जीवित नहीं रहा। उन्होंने दावा किया कि उसकी सेहत में सुधार हो रहा है और शुक्रवार रात उसने फोन पर बात भी की थी।' उन्होंने आगे कहा, 'शुक्रवार रात 8 बजे उनकी अपने भाई से बात हुई थी। उसकी सेहत में सुधार था। वह आईसीयू में था लेकिन वेंटिलेटर पर नहीं था। उसका ऑक्सीजन लेवल 92 था। मैं नहीं जानता कि बाद में ऐसा क्या हुआ जिससे उसकी मौत हो गई। हमें अस्पताल से इस बारे में जानना है।'
मुंबई में कोरोना के केसों में भारी गिरावट, क्या उद्धव सरकार की लॉकडाउन रणनीति काम कर रही है? ऐसे पीड़ितों की लंबी लिस्ट है। कमल खेड़ा, जिन्होंने अपने भाई और भाभी को खो दिया, कहते हैं कि अस्पताल ने हमें या किसी भी परिवार को ऑक्सीजन की कमी की जानकारी ही नहीं दी। उन्होंने कहा, 'मैं जैसे ही अस्पताल आया उन्होंने मुझसे कहा कि आपके भाई और भाभी की मौत हो चुकी है। उन्होंने मुझसे बिल भरने को कहा और कहा कि डेड बॉडी ले जाओ।'