ओपी जिंदल ने देखा था देश की आत्मनिर्भरता का सपना - टंडन

रायपुर
राष्ट्र की प्रगति में आत्मनिर्भरता का मंत्र देने वाले अग्रणी उद्योगपति एवं समाजसेवी ओपी जिन्दल को आज उनकी 90वीं जयंती पर याद किया गया। जेएसपीएल मशीनरी डिवीजन, रायपुर में कोविड-19 महामारी के प्रकोप को देखते हुए पूरी सतर्कता बरती गई और सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों का अनुपालन करते हुए ओपी जिन्दल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहां वृद्धाश्रम में इस अवसर पर फल और राशन का वितरण किया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि ओपी जिन्दल ने देश की आत्मनिर्भरता का सपना देखा था और उन्होंने स्वदेशी संसाधनों एवं स्वदेशी तकनीक के बल पर ओपी जिन्दल ग्रुप के रूप में एक ऐसी संस्था राष्ट्र को दी, जो आज इस्पात, ऊर्जा, खनन, मूलभूत ढांचा, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। इस अवसर पर जेएसपीएल के प्रेसिडेंट प्रदीप टण्डन, प्लांट हेड अरविंद तगई, प्रशासनिक प्रमुख अधिकारी राकेश गुप्ता व अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
7 मार्च 1930 को हरियाणा के हिसार जिले के नलवा गांव के एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले ओपी जिन्दल ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में ऊंचाइयों को छुआ। वे सफल उद्योगपति, समर्पित समाजसेवी के साथ-साथ सांसद और हरियाणा के ऊजार्मंत्री भी रहे। उन्हें मैन आॅफ स्टील की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। देश के बारे में उनकी सोच थी, भारत को अग्रणी राष्ट्र बनाना है तो औद्योगिक रूप से हमें आत्मनिर्भर बनना होगा और टेक्नोलॉजी में भी विकसित राष्ट्रों के बराबर रहना होगा। कारीगरों के प्रति भी उनके मन में बड़ा सम्मान था।