कश्मीर में तनाव, अमरनाथ तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट करेगी वायुसेना

श्रीनगर
कश्मीर घाटी में आतंकी हमले के अलर्ट के बाद वहां फंसे अमरनाथ तीर्थयात्रियों को भारतीय वायुसेना एयरलिफ्ट करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएगी. इनको वायुसेना के विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से कश्मीर घाटी से निकाला जाएगा और जम्मू, पठानकोट या फिर दिल्ली पहुंचाया जाएगा. इसके बाद ये अमरनाथ तीर्थयात्री अपने घर वापस जा सकेंगे.
जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने वायुसेना से अमरनाथ यात्रियों को कश्मीर घाटी से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की अपील की है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने वायुसेना से अपील की थी कि वो अपने सी-17 ग्लोबमास्टर के जरिए अमरनाथ तीर्थयात्रियों को कश्मीर से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए. बताया जा रहा है कि कश्मीर घाटी में फंसे अमरनाथ तीर्थयात्रियों को वायुसेना श्रीनगर से एयरलिफ्ट करके सुरक्षित स्थान पहुंचाएगी. इसके लिए वायुसेना ने तैयारी भी शुरू कर दी है.
भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर एक बार में 230 यात्रियों को लेकर उड़ान भरने में सक्षम है. इतना ही नहीं, भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में रूसी इल्यूशिन-76 से भी कम समय लगता है. भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर को पहले से ही कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों को पहुंचाने में लगाया गया है.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात और आतंकी हमले के अलर्ट के बाद सरकार ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द कश्मीर घाटी छोड़ने की सलाह दी थी. अमरनाथ तीर्थयात्रियों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की खुफिया जानकारी के बाद कश्मीर घाटी में अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही सुरक्षा बलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है.
खुफिया जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची है. आतंकियों के निशाने पर तीर्थयात्रियों और सुरक्षा बल के जवान हैं. कश्मीर घाटी के पुंछ के शाहपुर सेक्टर से सटे सीमा के उस पार पीओके के नेजा पीर सेक्टर में टेरर लॉन्च पैड में आतंकी तैयार बैठे हैं.
वहीं, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने को लेकर राजनीतिक गलियारे में खलबली मची हुई है. सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही है कि अनुच्छेद 35ए को खत्म करने की घोषणा जल्द होने वाली है. इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल लगातार आपस में बैठक और चर्चा कर रहे हैं. सूबे के मौजूदा हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सवाल किया कि अगर राज्य में सब ठीक है, तो केंद्र सरकार द्वारा ऐसे आदेश क्यों दिए जा रहे हैं?
उन्होंने यह भी कहा कि आखिर एनआईटी के छात्रों को जाने के लिए क्यों कहा गया है? इस दौरान मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए सभी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए.