संसद का मानसून सत्र जल्द ही शुरू ,'कोरोना प्रूफ' सदन की तैयारी

नई दिल्ली
राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू ने संसद के मानसून सत्र के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह तक तैयारी पूरी करने के निर्देश दिये हैं. राज्यसभा सचिवालय की ओर से रविवार को जानकारी दी गई है कि सदन के कक्ष में चार बड़ी डिस्प्ले स्क्रीन और छह अतिरिक्त छोटी स्क्रीन को सदन की चार गैलरियों में लगाने का निर्देश मिला है. इसके अलावा गैलरियों में ऑडियो कंसोल्स, सूक्ष्म कीटाणुनाशक अल्ट्रावॉयलेट विकिरण-लाइट्स, ऑडियो-विजुअल सिग्नल्स को दोनों सदनों के बीच ट्रांसमिट करने के लिए स्पेशल केबल्स, पॉली कार्बोनेट शीट के जरिए सदन के कक्ष को आधिकारिक गैलरी से अलग करने पर भी काम चल रहा है.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17 जुलाई को एक बैठक में, मानसून सत्र आयोजित करने के विकल्पों की विस्तृत चर्चा के बाद, प्रचलित प्रतिबंधों के तहत सत्र को सक्षम करने के लिए दोनों सदनों के कक्षों और दीर्घाओं का उपयोग करने का निर्णय लिया था. इससे पहले जानकारी मिली थी कि मानसून सत्र लगभग एक महीने का होगा.
काफी समय से चल रही थी तैयारी
बता दें संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई में आयोजित किया जाता है. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते संसद का मानसून सत्र इस बार देरी से हो रहा है. इस सत्र को बुलाने के लिए इस बार पहले से पूरी तैयारी की गई जिससे कि सदन में कोरोना का प्रसार न हो. पिछले काफी समय से राज्यसभा और लोकसभा अध्यक्ष मानसून सत्र के आयोजन की तैयारियों के लिए लगातार बैठकें कर रहे थे.
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए किए गए अहम बदलाव
सदन के सत्र के दौरान सबसे ज्यादा ध्यान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को लागू करने पर दिया जा रहा है जिससे कि प्रत्येक सांसद एक दूसरे से 6 फीट की दूरी पर बैठे. क्योंकि संसद के सेंट्रल हॉल और न ही विज्ञान भवन के हॉल में इतनी क्षमता है कि वहां सभी सांसद एक साथ बैठ सकें. ऐसे में सदनों की गैलरी, राज्यसभा चैयरमैन गैलरी, दर्शक दीर्घा का उपयोग भी सांसदों के बैठने के लिए किया जाएगा. इसीलिए सदनों में बड़ी और छोटी डिस्प्ले स्क्रीन्स लगाई जा रही हैं जिससे कि सभी जगहों पर बैठे सांसद सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन सकें और कोरोना से भी बचाव हो सके.