पाकिस्तान सेना में भर्ती हो रहे 15 साल से कम उम्र के बाल सैनिक, अमेरिका ने सूची में जोड़ा

पाकिस्तान सेना में भर्ती हो रहे 15 साल से कम उम्र के बाल सैनिक, अमेरिका ने सूची में जोड़ा

वाशिंगटन
अमेरिका ने पाकिस्तान और तुर्की को अपने बाल सैनिकों की रोकथाम अधिनियम (सीएसपीए) की सूची में जोड़ा है। इसका अर्थ हुआ कि दोनों देशों में नाबालिगों को भी फौज या अन्य सुरक्षा बलों में सामिल किया जा रहा है। यह एक ऐसी कार्रवाई है जो न सिर्फ सैन्य सहायता पर सख्त प्रतिबंध लगा सकती है बल्कि शांति कार्यक्रमों की सूची में शामिल देशों की भागीदारी वाले देशों में भी सूचीबद्ध कर सकती है।

पाक, तुर्की को सीएसपीए सूची में जोड़ने की यह नई कार्रवाई अमेरिकी विदेश मंत्रालय की मानवों के लिए वार्षिक तस्करी (टीआईपी) रिपोर्ट में शामिल है। यह रिपोर्ट तस्करी खत्म करने की कोशिशों के हिसाब से देशों की विभिन्न स्तरों पर रैंकिंग करती है।

यूएस चाइल्ड सोल्जर्स प्रिवेंशन एक्ट (सीएसपीए) की सूची में अफगानिस्तान, म्यांमार, कांगो, ईरान, इराक, लीबिया, माली, नाइजीरिया, सोमालिया, सीरिया, वेनेजुएला व यमन भी शामिल हैं। पाकिस्तानी मीडिया ‘द डॉन’ ने अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से यह खबर की है।

सूची में पाक, तुर्की फिर हुए शामिल
इस सूची में कांगो, सोमालिया और यमन के नाम 2010 से बने हुए हैं। इसी साल से अमेरिका ने इस सूची को बनाना शुरू किया था। इसके अलावा नौ अन्य देश अफगानिस्तान, ईरान, इराक, लीबिया, माली, म्यांमार, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और सीरिया भी इस सूची में एक दशक से हैं। 2021 में 15 देशों के नाम इस सूची में हैं। इस साल सूची में पाकिस्तान और तुर्की को फिर से शामिल किया गया है।

15 साल से कम उम्र के बच्चे हो रहे सेना में शामिल
अमेरिका के मुताबिक 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति, जो सरकार के सशस्त्र बल, पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों का हिस्सा बनता है या बनाया जाता है, उसे ‘बाल सैनिक’ कहते हैं।

रिपोर्ट में पाया गया कि इन सरकारों में 15 साल से कम उम्र के किशोरों को सेना में शामिल किया जा रहा है। ‘बाल सैनिक’ शब्द का इस्तेमाल उनके लिए भी होता है, जिनसे खाना बनवाने, पोर्टर, मैसेंजर, गार्ड जैसे काम कराए जाते हैं।