एसडीएम ने खुद कराया अपने ऊपर हमला

एसडीएम ने खुद कराया अपने ऊपर हमला

पुलिस ने साजिश के किया भंडाफोड़, निजी यूनिवर्सिटी के चेयरमेन पुष्पेन्द्र गौतम एवं भाजपा नेता ने दिया साथ

एसडीएम सहित आरोपी 6 आरोपी गिरफ्तार ,

छतरपुर। शहर के चर्चित एसडीएम ऑफिस और एसडीएम पर हुए हमले का पर्दाफास कर दिया है। । पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह और एएसपी ने शुक्रवार को इस हाईप्रोफाइल मामले का भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों की गिरफ्तारी की है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक एसडीएम ने खुद अपने ऊपर हमले की स्क्रिप्ट उन्होंने ही श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी के चेयरमेन पुष्पेन्द्र गौतम एवं भाजपा नेता जावेद अख्तर के साथ मिलकर लिखी थी। । पुष्पेन्द्र गौतम और जावेद अख्तर ने हमले के लिए 4 लड़कों को भेजा था। पुलिस ने एसडीएम अनिल सपकाले, पुष्पेन्द्र गौतम, जावेद अख्तर एवं 3 हमलावरों राजू उर्फ राजेन्द्र सिंह, अमित सिंह परमार एवं अर्जुन श्रीवास को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक हमलावर सतीश सोनी की तलाश की जा रही है। पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एएसपी जयराज कुबेर ने बताया कि एसडीएम अनिल सपकाले ने छतरपुर के ही एक निर्माणाधीन यूनिवर्सिटी के संचालक अभय भदौरिया को अपने ऊपर हुए हमले में फंसाने की नियत से उक्त वारदात की योजना बनाई थी। पुलिस ने एसडीएम ऑफिस में फायरिंग करने वाले अर्जुन श्रीवास से कट्टा एवं अन्य दो लड़कों से डंडे भी बरामद कर लिए हैं। आरोपियों में से एसडीएम अनिल सपकाले को छोड़कर अन्य सभी 5 लोगों को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने पुष्पेन्द्र गौतम, राजू बुंदेला एवं जावेद अख्तर से पूछताछ के लिए 3 दिन की रिमांड पुलिस को सौंपी है तो वहीं 2 अन्य आरोपी अमित सिंह परमार एवं अर्जुन श्रीवास को जेल भेज दिया है। 3 दिन तक इस हाईप्रोफाइल मामले की गहन पड़ताल करने वाली पुलिस टीम को आईजी अनिल शर्मा ने सम्मानित करने का ऐलान किया है। तो वहीं इस वारदात में आरोपी पाए गए एसडीएम अनिल सपकाले को कमिश्नर आनंद कुमार शर्मा ने सस्पेंड कर दिया है। सर्किट हाउस में बनाई गई योजना छतरपुर एसडीएम अनिल सपकाले एंटी भू-माफिया अभियान के माध्यम से शहर में सरकारी जमीनों पर कब्जों को मुक्त कराने के लिए एक अभियान चला रहे थे। इसी अभियान के तहत उन पर दो माह पहले आरोप लगे थे कि उन्होंने पन्ना रोड पर यूनिवर्सिटी बना रहे अभय भदौरिया की जमीन को सरकारी पाया था और इसके विरुद्ध कार्यवाही न करने के एवज में अभय भदौरिया से 1 करोड़ रुपए की मांग की थी। जब अभय भदौरिया ने उनकी यह मांग पूरी नहीं की तो उन्होंने दो सप्ताह पहले इसी जमीन को शासकीय घोषित करते हुए अभय भदौरिया सहित 14 लोगों पर एफआईआर दर्ज करा दी थी। इस मामले में 4 फरवरी को अभय भदौरिया सहित अन्य लोगों की न्यायालय से जमानत हो गई। अनिल सपकाले, अभय भदौरिया से निजी रंजिश रखते थे इसीलिए उन्होंने इस जमानत के बाद अभय भदौरिया को नए मामले में फंसाने की साजिश रची। उन्होंने अभय भदौरिया के प्रतिस्पर्धी श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी के चेयरमेन पुष्पेन्द्र गौतम एवं भाजपा नेता जावेद अख्तर को अपनी इस साजिश में शामिल किया। दोनों लोगों ने हमले के लिए 4 लड़कों का इंतजाम किया और फिर एसडीएम ने खुद दो हमलावरों अर्जुन श्रीवास एवं संतोष सोनी को अपने सर्किट हाउस स्थित कमरे पर बुलाकर वारदात रचने की रूपरेखा बताई। एसडीएम की रूपरेखा के मुताबिक यह हमला 5 फरवरी को सुबह 9 बजकर 10 मिनिट पर किया गया। हमले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। एसडीएम ने सुनियोजित तरीके से हमलावरों से हमले के दौरान भदौरिया का नाम कहलवाया और फिर मीडिया और पुलिस को बुलाकर अपने ऊपर हुए हमले के लिए उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जिनके विरुद्ध वे शासकीय जमीनों को कथित रूप से हड़पने की कार्यवाही कर रहे थे। इसके बाद एसडीएम ने एडीएम प्रेम सिंह चौहान के माध्यम से जिले भर के एसडीएम, तहसीलदार एवं राजस्व अधिकारियों को भी जिला मुख्यालय पर बुलाया। इन अधिकारियों ने हमले की निंदा करते हुए एसडीएम अनिल सपकाले के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। एसडीएम ने खुद अपने रीडर के माध्यम से इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई और आरोपियों के विरुद्ध धारा 307, 353, 427, 452, 506, 336, 34 एवं सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत कोतवाली में पंजीबद्ध कराई। एसडीएम ने सब कुछ एक तयशुदा साजिश के तहत किया फिर भी वे पुलिस से नहीं बच सके। पुष्पेंद्र है योजना का मुख्य सूत्रधार सागर रोड पर स्थित प्राइवेट यूनिवर्सिटी श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय के चेयरमेन पुष्पेन्द्र गौतम ने इस पूरी वारदात में योजनाकार की भूमिका निभाई। उन्होंने एसडीएम अनिल सपकाले के इशारे पर अपने साथी राजू बुंदेला को फोन लगाकर हमले के लिए लड़के इकट्ठे करने की तैयारी की। इसके बाद राजू बुंदेला एवं जावेद अख्तर द्वारा भेजे गए 3 अन्य लड़कों के द्वारा एसडीएम ऑफिस में फायरिंग, तोड़-फोड़ एवं हमला कराया। पुलिस को इस मामले में पुष्पेन्द्र गौतम एवं एसडीएम अनिल सपकाले व पुष्पेन्द्र गौतम के साथी राजू बुंदेला के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी बरामद हुई है जिसे प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को भी सुनवाया गया। पुलिस पूछताछ में पुष्पेन्द्र गौतम ने यह भी स्वीकार किया है कि वे एसडीएम अनिल सपकाले से पिछले 10 वर्षों से जुड़े हुए हैं और अभय भदौरिया से व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता भी रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे एसडीएम अनिल सपकाले को उनकी पदस्थापना से अब तक 15 लाख रुपए भी दे चुके हैं। एसडीएम और पुष्पेन्द्र गौतम के बीच हुए रुपयों के लेनदेन का वॉइस रिकॉर्ड भी पुलिस को बरामद हुआ है। जावेद ने बुलाये थे हमलावर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री एवं पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष जावेद अख्तर ने इस पूरी वारदात में अहम भूमिका निभाई है। एसडीएम दफ्तर में हमला करने के लिए पहुंचे अर्जुन श्रीवास, अमित सिंह परमार और सतीश सोनी को जावेद अख्तर ने ही उपलब्ध कराया था। हमले के बाद जावेद अख्तर तुरंत एसडीएम ऑफिस पहुंचे और खुद को गवाह की तरह प्रस्तुत किया। पुलिस को जावेद अख्तर की मौजूदगी ही संदेहास्पद लगी जिसके बाद यह पूरा प्रकरण खुल सका। 5 फरवरी की दोपहर तक जावेद को कुछ संदेह लगा इसलिए वह छतरपुर छोड़कर एसडीएम के गृहनगर बुरहानपुर भाग गया। परत दर परत जब पुलिस जावेद के घर तक पहुंच गई तब पुलिस के दबाव के कारण एक भाजपा नेता द्वारा जावेद को पुलिस के समक्ष सरेण्डर कराया गया। जावेद अख्तर के द्वारा बिना किसी टेण्डर के एसडीएम के नए केबिन का निर्माण कार्य भी लगभग 10 लाख रुपए की लागत से कराया जा रहा था। पुलिस अब इस मामले की जांच भी कर रही है। जावेद ने पूछताछ में बताया कि नेशनल हाईवे के निर्माण में जमीन अधिग्रहण के 40 लाख रुपए उसे एसडीएम द्वारा दिए जाने थे जिसके कारण वह इस साजिश में शामिल हुआ। जावेद अख्तर द्वारा भेजा गया हमलावर अर्जुन श्रीवास ही वह शख्स है जिसने एसडीएम ऑफिस में अवैध कट्टे से फायरिंग की थी। उसी ने अपने तीन साथियों अमित सिंह परमार, सतीश सोनी एवं राजू बुंदेला के साथ पूरी वारदात को अंजाम दिया और फिर एसडीएम ऑफिस के पीछे सर्किट हाउस की पहाड़ी पर चढ़कर सभी लोग फरार हो गए। पुलिस ने इन चार में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि सतीश सोनी की गिरफ्तारी शेष है। खुलासा करने वाली , टीम को मिलेगा 25 हजार का इनाम इस पूरे मामले में 24 घंटे के भीतर ही पुलिस हमलावरों तक पहुंच चुकी थी। एसपी बंगले के सामने एसडीएम दफ्तर में फायरिंग का यह हाईप्रोफाइल मामला जैसे ही मीडिया की सुर्खियों में आया, छतरपुर में कानून व्यवस्था के बिगडऩे के आरोप लगने लगे थे। पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह ने इस वारदात के खुलासे के लिए अपने सबसे काबिल ऑफीसर एएसपी जयराज कुबेर को कमान सौंपी। आरोपियों पर 10 हजार का इनाम घोषित करते हुए एसपी तिलक सिंह ने एडीशनल एसपी के नेतृत्व में एक 12 सदस्यीय टीम गठित की। इस टीम ने 24 घंटे के भीतर कई स्थानों पर सुराग खंगाले। एएसपी जयराज कुबेर ने सबसे पहले इस वारदात से लाभान्वित होने वाले पर संदेह जाहिर किया। जिस पर वारदात का संदेह जताया जा रहा था उसी अभय भदौरिया से जानकारी मिली की उक्त हमले में श्रीकृष्णा युनिवर्सिटी के उनके प्रतिस्पर्धी पुष्पेन्द्र गौतम का हाथ हो सकता है। पुलिस टीम ने पुष्पेन्द्र गौतम एवं वारदात के दौरान मौजूद जावेद अख्तर के मोबाइल सर्विलांस पर लिए जिससे यह सुराग मिला कि इन दोनों ने 4 एवं 5 फरवरी को कई बार एसडीएम से बातचीत की थी। इन्हीं साईबर जानकारियों के आधार पर पुलिस ने रात 3 बजे पुष्पेन्द्र गौतम एवं उनके ड्राइवर राजू बुंदेला को हिरासत में लिया। इन लोगों के मोबाइल से मिली रिकॉर्डिंग ने पूरा मामला खोल दिया। इसके बाद पुलिस अन्य कडिय़ों को जोड़ती गई और 6 फरवरी को ही एसडीएम अनिल सपकाले को सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया गया। धीरे-धीरे तीनों हमलावरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस मामले में 5 और 6 फरवरी की पूरी रात और तब से खुलासे के समय तक जमकर परिश्रम किया। एएसपी सहित उनकी टीम को खरीदने की कोशिशें भी की गईं। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस को 50 लाख रुपए तक का ऑफर किया था लेकिन फिर भी एएसपी जयराज कुबेर और उनकी टीम ने इस मामले को पूरी निष्पक्षता के साथ हल किया। एएसपी की टीम में सीएसपी उमेश शुक्ला, सिविल लाइन टीआई विनायक शुक्ला, ओरछा रोड थाना प्रभारी अरविंद दांगी, कोतवाली टीआई सरिता वर्मन, सब इंस्पेक्टर सौरभ त्रिपाठी, जसवंत सिंह राजपूत, हेमंत नायक, राजकुमार तिवारी, रवि प्रताप ङ्क्षसह, शैलेन्द्र राजावत, माधवी अग्रिहोत्री, मुहर सिंह, प्रोवेशनल एसडीओपी अभिलाष भलावी, प्रियंका मिश्रा, रघु केसरी, आरक्षक किशोर धर्मराज पटेल, रामकृपाल शर्मा, अजीम, कपीन्द्र, विकास खरे, धमेन्द्र चौबे, राजेन्द्र रावत, चंद्रशेखर, कुर्बान बेग, अब्दुल जब्बार, विक्रम रैकवार शामिल रहे। इस मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को आईजी अनिल शर्मा ने 25 हजार रूपए का इनाम देने का ऐलान किया है। अभय भदौरिया ने मांगी सुरक्षा, बोले पुलिस ने बचा ली जान । निर्माणाधीन खजुराहो यूनिवर्सिटी के संचालक अभय भदौरिया जिसे एसडीएम दफ्तर में हुए हमले में आरोपी बनवाने के लिए एसडीएम एवं अन्य लोगों द्वारा यह साजिश रची गई थी उन्होंने इस मामले के खुलासे पर छतरपुर पुलिस को धन्यवाद दिया है। अभय भदौरिया ने कहा कि पुलिस अगर निष्पक्षता से कार्यवाही नहीं करती तो उन पर झूठा मुकदमा दर्ज हो सकता था। उन्होंने कहा कि आरोपी बेहद ताकतवर है। वे उनकी हत्या करवा सकते हैं इसलिए पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की मांग करेंगे। भाजपाईयों ने कांग्रेस सरकार को बदनाम करने रचा षडयंत्र, विस्तृत जांच करे पुलिस: आलोक चतुर्वेदी नोट: इस बॉक्स में फोटो 20 लगाएं। एसडीएम दफ्तर में हुए जानलेवा हमले के इस हाईप्रोफाइल मामले का खुलासा होने के बाद इसमें मुख्य आरोपियों ने भाजपा के अल्पसंख्य मोर्चा प्रदेश मंत्री जावेद अख्तर का नाम सामने आने के बाद छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मामले के खुलासे पर पुलिस टीम को बधाई देते हुए कहा कि एसडीएम अनिल सपकाले भाजपाई एजेंट बनकर लोगों को लूटने और उन्हें झूठे मामलों में उलझाने का काम कर रहे थे। इस साजिश में अन्य भाजपा नेता भी सहभागी हो सकते हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस जांच को और विस्तृत करते हुए आरोपियों के द्वारा छतरपुर जिले में की गई आर्थिक गड़बडिय़ों को भी उजागर किया जाए। उन्होंने कहा कि यह पूरी साजिश कुछ भाजपा नेताओं द्वारा अंजाम दी गई और कुछ भाजपा नेताओं द्वारा इस वारदात के बाद कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का काम सुनियोजित तरीके से किया गया था। खास बिंदु 1. फिलहाल पुष्पेन्द्र गौतम, जावेद अख्तर और राजू बुंदेला को तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है। पुलिस इन से आर्थिक मामलों के अलावा अपराध से जुड़ी अन्य जानकारी उगलवाएगी 2. इस मामले के एक अन्य आरोपी सतीश सोनी की गिरफ्तारी की जाएगी। 3. वारदात के मास्टरमाइंड एसडीएम अनिल सपकाले को अदालत में पेश कर रिमांड मांगी जा सकती है। 4. एसडीएम सपकाले द्वारा पूर्व में कराई गई एफाआईआर एवं आर्थिक अनियमितताओं की जांच की जाएगी। शासन को उन्हें बर्खास्त करने के लिए भी पत्र व्यवहार शुरु हो जाएगा। 5. पुलिस को इस मामले में 44 हजार मोबाइल रिकॉर्डिंग्स बरामद हुई हैं जिनका अनुसंधान किया जा सकता है इससे कई मामलों के खुलासे की उम्मीद है।