RTI: 25 हजार जमा कर मिली जानकारी, 9000 पेज लेने बैलगाड़ी से पहुंचा RTI एक्टिविस्ट

RTI: 25 हजार जमा कर मिली जानकारी, 9000 पेज लेने बैलगाड़ी से पहुंचा RTI एक्टिविस्ट

शिवपुरी, जिले में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने का एक अनोखा मामला सामने आया है। इस मामले में बैराड़ नगर परिषद से सूचना अधिकार के तहत जानकारी के लिए आवेदक को लंबी खासी भागदौड़ करनी पड़ी। जब जानकारी मिली तो आवेदक बैराड़ नगर परिषद के कार्यालय में ढोल नगाड़ा और नौ हजार पेज की जानकारी लेने के लिए बैलगाड़ी से पहुंचे। आवेदक बैलगाड़ी से जानकारी लेकर अपने घर के लिए आए, इस दौरान आवेदक ने 25 हजार रुपये भी जमा कराए।

इसे भी देखें

डेंजर जोन में भाजपा के कई विधायक, टिकट पर चल सकती है कैंची

अपील के लिए उन्हें ग्वालियर से भोपाल तक जाना पड़ा
बता दें कि शिवपुरी सूचना के अधिकार के जरिए सरकारी दफ्तरों से जानकारी निकलवाना हर किसी के लिए सहज नहीं है। अगर जानकारी भ्रष्टाचार से जुड़ी हो तो संबंधित अधिकारी या विभाग बड़ी मुश्किल से जानकारी देता है और वो भी अधूरी। ऐसा ही बैराड़ के आरटीआई एक्टिविस्ट माखन धाकड़ के साथ हुआ। पहले तो जानकारी दी ही नहीं और अपील के लिए उन्हें ग्वालियर से भोपाल तक जाना पड़ा। अब जब जानकारी मिली तो करीब नौ हजार पेज की जानकारी के लिए उनसे करीब 25 हजार रुपये जमा करवाए गए। इतने पैसे की व्यवस्था न होने पर कर्ज लेकर पैसे जमा किए।

इसे भी देखें

एक दर्जन से ज्यादा जिलाध्यक्षों को बदल सकती है भाजपा

जानकारी के दस्तावेजों को गिनने के लिए चार लोगों को साथ ले गए
आवेदक माखन धाकड़ को इतने संघर्ष के बाद खाली जेब होने का दर्द तो था, लेकिन जानकारी मिलने की खुशी भी थी। इस खुशी को अनोखे अंदाज से मनाने के लिए उन्होंने अपने एक परिचित की बैलगाड़ी मांगी और 500 रुपये में दो ढोल नगाड़े वालों के साथ नगर परिषद कार्यालय जा पहुंचे। माखन धाकड़ नगर परिषद बैराड़ कार्यालय बैलगाड़ी से पहुंचे आरटीआई से मिली जानकारी के दस्तावेजों को गिनने के लिए चार लोगों को साथ ले गए, जिन्हें गिनने में दो घण्टे लग गए। फिर सिर पर कागज लेकर माखन ने स्वयं बैलगाड़ी में रखे और ढोल नगाड़ों के साथ वो अपने घर के लिए रवाना हुए।

इसे भी देखें

स्वच्छता कर लगाने वाली प्रदेश की पहली पंचायत बनी सतना की एटमा पंचायत

कागजों में ही योजनाओं का समापन  
एक्टिविस्ट माखन धाकड़ ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने यह आवाज दो महीने पहले उठाई थी। नगर परिषद बैराड़ के कर्मचारी ने जानकारी देने से मना कर रहे थे, जिसके बाद उन्होंने भोपाल तक का सहारा लिया। अंत में उन्हें जीत हासिल हुई। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की कुछ शासकीय योजनाए हैं, जो धरातल पर बिल्कुल नहीं हैं। कागजों में ही उनका समापन किया जाता है, जिसके चलते उन्होंने यह जंग लड़ी है। अंत तक वह यह जंग लड़ेंगे। इसमें न्यायपालिका तक का सहारा लेकर सभी को न्याय दिलाएंगे।

इसे भी देखें

खाते में नहीं आई किसान सम्मान निधि तो करें ये काम

- देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2, टवीटर, टवीटर 1, इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट