छह महीने में चार बार बदल दिया निर्माण परमीशन की शाखा का प्रभार
स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों से भी अच्छे पैसों की आस में ननि आयुक्त द्वारा प्रभार बदले जाने की खबर
awdhesh dandotiaमुरैना। नगरनिगम में विभागों की बोली लग रही है जो अधीनस्थ सबसे ज्यादा पैसे कमाकर हर महीने नगरनिगम आयुक्त को सौंपता है उसे ही मनमाफिक विभाग सौंप दिया जाता है। यह खबर विश्वस्त सूत्रों ने दी है। खबर है कि स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर, गाडी अड्डा, डीजल प्रभारी, मदाखलत दस्ता, पंजीयन शाखा सहित नगरनिगम की अन्य सभी शाखाएं जिनमें काम करने के लिए आमजन का वास्ता दिनभर पड़ता है उन शाखाओं का ठेका कमाऊ कर्मचारियों को ही दिया जा रहा है।
जो कर्मचारी महीनेदारी में कटौती कर देते हैं उनसे तत्काल विभाग छीनकर दूसरे भरोसेमंद कर्मचारी को थमा दिया जाता है। यह मनमानी नगरनिगम आयुक्त द्वारा लंबे समय से की जा रही है लेकिन इन दिनों बतौर प्रशासन नगरनिगम को देख रहे चंबल आयुक्त इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। नगरनिगम आयुक्त ने हाल ही में स्वास्थ्य अधिकारी के प्रभार को बदला है। नगरनिगम के स्वास्थ्य विभाग का चार्ज ललित शर्मा संभाल रहे थे। बताया जाता है कि ललित शर्मा कुछ समय पहले तक नगरनिगम आयुक्त के खासमखास थे।
ननि आयुक्त को अकसर एक ही वाहन में उनके साथ घूमते देखा जाता था। लेकिन अभी हाल ही में ननि आयुक्त अमरसत्य गुप्ता ने स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज उनसे छीनकर राकेश श्रीवास्तव को सौंप दिया। सूत्र बताते हैं कि यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि ललित शर्मा द्वारा नगरनिगम आयुक्त को अपेक्षानुसार महीनेदारी नहीं दी जा रही थी। ननि आयुक्त को राकेश श्रीवास्तव को उम्मीद है।
ऐसा यह इकलौता मामला नहीं है। इसके अलावा डीजल के प्रभार में भी बदलाव किया गया है। नगरनिगम के वाहनों में डीजल डलवाने की जवाबदारी अभी तक मुन्नालाल पर थी, लेकिन मुन्नालाल से यह चार्ज छीन लिया गया है और यह चार्ज लेखापाल की जिम्मेदारी संभालने वाले संतोष शर्मा को अतिरिक्त प्रभार के रूप में दे दिया गया है। नगरनिगम के सूत्र कहते हैं कि संतोष शर्मा, नगरनिगम आयुक्त के कुछ ज्यादा ही खास हैं इसलिए उन्हें अतिरिक्त प्रभार से नवाजा गया है।
राजस्व शाखा देख रहे केशव को सहायक स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज भी नगरनिगम आयुक्त ने हाल ही में दिया है। इसी तरह नगरनिगम के अन्य विभागों में भी आयुक्त द्वारा मनमाने तौर पर बदलाव किए जाते रहे हैं। आयुक्त कई तरह के आरोप लगाकर बदलाव कर देते हैं लेकिन सूत्रों की मानें तो यह बदलाव केवल महीनेदारी में बढ़ोत्तरी के लिए किए जा रहे हैं। नगरनिगम के प्रशासक चंबल आयुक्त को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
छह महीने में चार बार बदला चार्ज
नगरनिगम की विभिन्न शाखाओं से पैसा कबाडऩे की भूख अधिकारियों में ऐसी है कि नगरनिगम की निर्माण शाखा का चार्ज बीते छह महीने मेंं बदला गया है क्योंकि निर्माण की परमीशन देने के नाम पर अच्छे पैसे बसूले जाने की खबर आए दिन मिलती हैं। जानकारी के अनुसार बीते छह महीने की बात करें तो इस शाखा का प्रभार सहायक यंत्री केके शर्मा के पास था, लेकिन नगरनिगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता ने उनसे यह प्रभार सौंपकर राजवीर सिंह भदौरिया को दे दिया।
इसके बाद यह जिम्मेदारी ललित शर्मा को दी गई और वर्तमान में यह प्रभार फिर से केके शर्मा को ही दे दिया गया है। नगरनिगम सूत्रों का कहना है कि इस शाखा के प्रभार में इसलिए बार-बार अदला-बदली की जा रही है क्योंकि महीनेदारी ठीक से फिक्स नहीं हो पा रही। क्योंकि शाखा मालदार है और अधिकारी तक माल कम पहुंच रहा है।
डीजल की जिम्मेदारी में मोटा भ्रष्टाचार
नगरनिगम के वाहनों में डीजल के नाम पर मोटा भ्रष्टाचार होता है। सूत्र बताते हैं कि इस शाखा की जिम्मेदारी संभालने वाले लोग वरिष्ठ अधिकारियों को अच्छाखासा पैसे तो देते ही हैं साथ ही अपने चहेते व रिश्तेदारों के वाहनों में फ्री डीजल भी डलवा देते हैं। यदि एक साल का रिकॉर्ड निकलवाकर यह देखा जाए कि नगरनिगम के वाहन कितने चले और कितना डीजल फूंका गया तो स्थिति साफ हो जाएगी।
लेकिन नगरनिगम आयुक्त अमरसत्यगुप्ता को इसकी फुर्सत नहीं है। सूत्र बताते हैं कि यह सब मामला उनकी जानकारी में है और उनकी मूक सहमति से ही गौरखधंधा चल रहा है। लोगों ने उम्मीद की है कि अब प्रशासक के तौर पर नगरनिगम की जिम्मेदारी संभाल रहे चंबल आयुक्त इस ओर ध्यान देकर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगे।
लोकायुक्त ने पकड़े उन पर भी प्रभार
बीते समय में भ्रष्टाचार में लिप्त व लोकायुक्त द्वारा पकडे गए कर्मचारियों को भी नगरनिगम आयुक्त ने वर्तमान में विभिन्न शाखाओं में जिम्मेदारी सौंप रखी है। जिस व्यक्ति को लोकायुक्त ने पकड़ा था लेकिन वर्तमान में वह टाउनहॉल में चलने वाली सभा शाखाओं को देख रहे हैं। जिस कर्मचारी पर घौटाले का आरोप है उस पर वर्तमान में पंजीयन शाखा का प्रभार है। बताते हैं कि जिस व्यक्ति को गन्ना की चरखी वाले से 500 रुपए लेते पकड़ा गया था वह व्यक्ति अभी भी मदाखलत दस्ते में है।
सवाल पढ़कर भी खामोश रहे ननि आयुक्त :
नगरनिगम शाखाओं का प्रभार सौंपने में धांधली की शिकायतों के संबंध में जब नगरनिगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता को कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद उनके मोबाइल वाट्सएप पर भी सवाल किया गया लेकिन उन्होंने उसे पढ़ तो लिया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। इससे साफ होता है कि ननि आयुक्त इस पर कुछ भी बोलने से जानबूझकर बच रहे हैं।