मूल भाजपाईयों को नहीं मिली जगह
नरेन्द्र सिंह व वीडी शर्मा को नहीं तबज्जो
सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए नेताओं को ही किया समिति में शामिल
Awadhesh dandotia
मुरैना। क्राइसेस मैनेजमेंट की गठित समिति में एक बार फिर सिंधिया का दबदबा नजर आया है। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व वीडी शर्मा को इस समिति में तबज्जो नहीं मिली है समिति विस्तार में जिन 13 भाजपा नेताओं को इसमें सदस्य बनाया गया है वह सभी सिंधिया समर्थक हैं। इस समिति में शामिल एक भी भाजपा नेता ऐसा नहीं है जो नरेन्द्र सिंह या वीडी शर्मा से ताल्लुक रखता हो। सूची देखकर मूल भाजपाई बोल तो कुछ नहीं रहे लेकिन अंदर ही अंदर धधक रहे हैं कि चार दिन पहले भाजपा में आए कांग्रसियों की पूछ परख हो रही है और जो वर्षों से फर्स उठा रहे हैं उन्हें देखा भी नहीं जा रहा। क्राइसेस मैनेजमेंट समिति का गठन किया तो प्रशासन की मुहर से हुआ है, लेकिन सूची से स्पष्ट है कि इस सूची में भाजपा नेताओं को सिंधिया के इशारे पर ही शामिल किया गया है अन्यथा मूल भाजपाई को भी इस सूची में स्थान मिल सकता था। इस सूची में कांग्रेस छोडक़र हाल ही भाजपा में आए पूर्व मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना, पूर्व मंत्री गिर्राज डंडौतिया, पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना, महेन्द्र जैन एडवोकेट, हरिओम शर्मा, मनोजपाल यादव, कैलाश मित्तल जौरा, राजेन्द्र शुक्ला कैलारस, बनवारी शुक्ला कैलारस, नागेश शर्मा जौरा, प्रदीप शर्मा जौरा, राजेन्द्र मरैया सबलगढ़, त्रिलोक चौधरी सबलगढ़ शामिल हैं। इन सभी नेताओं को प्रशासन ने सूची में स्थान देते हुए जनप्रतिनिधि करार दिया है, लेकिन यहां बता दें कि इस सूची में शामिल 13 नेताओं में से एक भी नेता ऐसा नहीं है जो जनता द्वारा चुना गया कोई प्रतिनिधि हो। यह केवल सिंधिया के लाड़ले हैं इस कारण क्राइसिस मैंनेजमेंट की सूची में शामिल कर लिए गए हैं। कोरोना जैसी आपदा के समय भी चल रही राजनीति को लेकर हर कोई हैरत में है लोगों का कहना है कि भाजपा के आला नेताओं व प्रशासन को राजनीति की चिंता है आमजन के हितों का कोई ख्याल नहीं है। अस्पताल में हर रोज ऑक्सीजन का फ्लो कम होने या अन्य अव्यवस्थाओं से मरीजों की मौत हो रही है इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
कांग्रेसियों को नहीं दिया सूची में स्थान
क्राइसिस मैनेजमेंट की समिति में विस्तार करते समय कुछ कांग्रेसियों को स्थान दिया जाना चाहिए था। ताकि वह विपक्ष की भूमिका निभाते हुए जनहित के कुछ मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करा सकते थे। क्योंकि जब इस समिति में सभी भाजपाई हैं तो निश्चित तौर पर वह अपनी ही पार्टी के सीएम व आला नेताओं के सामने जुबान नहीं खोल पाएंगे और जो वरिष्ठ नेता कहेंगे उसे ही सिर हिलाकर स्वीकार कर लेंगे। शायद यही सोचकर क्राइसिस मैनेजमेंट समिति को एक तरह से भाजपा क्राइसिस मैनेजमेंट समिति बनाकर रख दिया है।
डॉक्टर व महामारी एक्टसपर्टस को भी नहीं दी जगह
क्राइसिस मैनेजमेंट समिति में डॉक्टर्स व महामारी एक्सपर्टस को भी शामिल नहीं किया गया है। जबकि कोरोना से पीडि़त मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर व महामहारी एक्सपर्ट इस समिति में शामिल रहकर कई ऐसे सुझाव दे सकते थे जिससे कोरोना आपदा से निपटने में आसानी होती, लेकिन प्रशासन व भाजपा ने इन सभी बातों को दरकिनार कर भाजपा नेताओं को शामिल कर समिति बना ली और अब सभी बैठकर निर्णय तैयार कर एक बार फिर उसे आमजन पर थोप देंगे जिससे आमजन को न चाहते हुए भी स्वीकार करना ही पड़ेगा।
समाजसेवियों से चर्चा तक नहीं
क्राइसिस मैनेजमेंट समिति में शहर के कुछ ऐसे समाजसेवियों को भाी शमिल किया जाना चाहिए था जो अपनी जान की चिंता न करते हुए मैदान में आकर कोरोना पीडितों की मदद कर रहे हैं। जरूरतमंदों को न केवल नि:शुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है बल्कि लोगों को भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे समाजसेवियों को भी क्राइसिस मैनेजमेंट समिति में प्रशासन ने स्थान नहीं दिया है केवल नेताओं के इशारे पर समिति तैयार कर चर्चा के लिए बुलवा लिया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
क्राइसिस मैनेजमेंट समिति के गठन की सूची जो जारी की है उसमें शामिल लोगों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है कि वह कौन हैं और किसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। यह सूची कलेक्टर ने ही दी थी जो हमने जारी कर दी है।
नरोत्तम भार्गव, अपर कलेक्टर मुरैना
सूची जारी करवाने वाले कलेक्टर ही बोले मैं चैक कराता हूं
क्राइसिस मैनेजमेंट क्ी सूची जारी करवाने वाले कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना ही बयान दिया है। उनसे जब पूछा गया कि सूची में केवल भाजपा नेता ही शामिल हैं, कांग्रेसियों को स्थान नहीं मिला है। समाजसेवी, डॉक्टर व महामारी एक्सपर्ट भी समिति में शामिल नहीं है तो वह केवल इतना कहकर अपनी गलती पर पर्दा डाल गए कि मैं चैक करवाता हूं।