वैक्सीनेशन : देवास नगर निगम में शत-प्रतिशत लोगों को लगी पहली डोज
भोपाल। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा कवचन प्रदान करने के लिये प्रदेश में चलाये जा हे टीकाकरण महा-अभियान में देवास नगर पालिक निगम से लक्षित समूह को वैक्सीन का प्रथम डोज लगाकर अनूठी उपलब्धि अर्जित की है। देवास नगरीय क्षेत्र में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रथम डोज शत-प्रतिशत लग चुका है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस उपलब्धि पर नगर निगम के पूरे अमले को बधाई दी है।
नगरीय क्षेत्र देवास को कोविड वैक्सीनेशन के लिए जनसंख्या के अनुपात में 2.21 लाख का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिला प्रशासन द्वारा इसे प्राप्त करने के लिये शासकीय एवं अशासकीय दलों का गठन किया गया। परिणाम स्वरूप नगरीय क्षेत्र में 10 से 44 आयु वर्ग के एक लाख 34 हजार 304 तथा 45+ आयु वर्ग के 79 हजार 297 इस प्रकार कुल 2 लाख 21 हजार 328 लोगों को प्रथम डोज तथा 52 हजार 475 व्यक्तियों को द्वितीय डोज लग चुका है। प्रथम एवं द्वितीय डोज मिलाकर कुल 2 लाख 73 हजार 803 व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
देवास नगर निगम क्षेत्र के समस्त 45 वार्डों में वार्ड क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को पूर्ण रूप से अपने क्षेत्रों में कार्य करने के लिये प्रशिक्षित किया गया। सम्पूर्ण 45 वार्डों में 18 से 45 आयु के तथा 45+ आयु के नागरिकों का डोर टू डोर सर्वे कर टीकाकरण के प्रति लोगों की भ्रांतियों को दूर कर उन्हें वैक्सीनेशन के लिये मोटिवेट किया गया। इस कार्य में सांसद, स्थानीय विधायक, समस्त पार्षदगण एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधियों का भी सराहनीय योगदान रहा।
नगर में 40 स्थानों पर वैक्सीनेशन सेंटर निर्मित किये गये, जहाँ स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य रूप से नगर निगम एवं महिला-बाल विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा वार्ड में नागरिकों को अभिप्रेरित (मोटिवेट) किया गया। मीडिया कार्यशाला कर वैक्सीनेशन का प्रचार-प्रसार किया गया एवं आम जनता में टीकाकरण के प्रति विश्वास पैदा किया गया। नगर में सभी प्रमुख समाजों द्वारा अपनी-अपनी धर्मशालाओं में समाजजनों को एकत्रित कर उन्हें समाज प्रमुखों एवं धर्मगुरुओं द्वारा टीकाकरण के लिये प्रोत्साहित किया गया। साथ ही प्रशासन द्वारा उन्हीं स्थानों पर टीकाकरण केन्द्र स्थापित कर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा टीकाकरण किया गया।
इस प्रकार देवास नगर में सामूहिक प्रयासों से 2.21 लाख के लक्ष्य को प्रदेश में सर्वप्रथम प्राप्त किया गया। इस कार्य में शासकीय एवं अशासकीय, सामाजिक एवं वार्ड क्राइसिस समिति के लगभग 1000 लोगों की टीम ने मिलकर कार्य किया।