घुटनों पर आया पाकिस्तान, घर में घुसकर मार रहा अफगानिस्तान

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी झड़प अब रुक गई है। अफगानिस्तान के तालिबान शासन का कहना है कि पाकिस्तान की मांग और जोर देने पर अफगानिस्तान ने दोनों देशों के बीच 48 घंटे के लिए अस्थायी सीजफायर लागू करने का ऐलान किया। यह कदम सीमा पर पिछले एक हफ्ते से जारी झड़पों और दोनों पक्षों में दर्जनों मौतों के बाद उठाया गया। इन घटनाओं ने पहले से ही दोनों देशों के नाजुक संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया।
पाकिस्तान के निवेदन पर अफगानिस्तान ने सीजफायर का ऐलान: जबीउल्लाह मुजाहिद
अफगानिस्तान शासन के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान के निवेदन पर अफगानिस्तान ने सीजफायर का ऐलान किया। बताया जा रहा है कि सीजफायर भारतीय समयानुसार शाम साढ़े 6 बजे से लागू होगा। सभी अफगान सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया है कि सीजफायर लागू होने के दौरान कोई भी हमला या सीमा उल्लंघन न किया जाए।
सकारात्मक समाधान निकालने का प्रयास करेंगे: पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बताया कि यह युद्धविराम दोनों पक्षों की आपसी सहमति से और अफगान तालिबान सरकार के अनुरोध पर तय किया गया। FO ने कहा कि इस अवधि के दौरान दोनों पक्ष बातचीत के जरिए जटिल लेकिन हल करने लायक मुद्दों का सकारात्मक समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
सीमा पर तनाव और सटीक हवाई हमले
यह घोषणा उस समय हुई जब पाकिस्तान ने कंधार और काबुल में तालिबान के अहम ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के अनुसार, ये हमले अफगान क्षेत्र से हुए हमलों के जवाब में किए गए, जिनमें 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 29 घायल हुए।
सीमा पर झड़पों के बाद बढ़ा तनाव
पाकिस्तान की यह कार्रवाई सीमा पर पिछले सप्ताह के अंत से लगातार झड़पों के बीच हुई। ISPR के अनुसार, तालिबान ने स्पिन बोल्डक इलाके में बुधवार को चार जगहों पर हमले किए, जिन्हें पाकिस्तान की सेना ने रोक दिया। इस दौरान लगभग 15–20 हमलावर मारे गए।
अफगानिस्तान ने क्या कहा
अफगान पक्ष ने इन हमलों को ‘प्रतिशोधात्मक’ बताया और पाकिस्तान पर अपने क्षेत्र में हवाई हमले करने का आरोप लगाया। पाकिस्तान बार-बार यह आरोप लगाता रहा है कि आतंकवादी समूह अफगानिस्तान का इस्तेमाल पाकिस्तान में हमले करने के लिए करते हैं, लेकिन काबुल इन आरोपों को खारिज करता है। काबुल ने कहा कि उनका क्षेत्र इस तरह के कामों के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा।