पुतिन और मोदी की बैठक, भारत-रूस ने 16 बड़ी डील पर किए हस्ताक्षर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उच्च स्तरीय बैठक के बाद भारत और रूस के बीच कुल 16 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण रही और दोनों देशों के बीच कई सेक्टर्स में सहयोग को नई दिशा मिली।
भारत-रूस के बीच हुई 16 प्रमुख समझौते
1. दोनों देशों के नागरिकों के अस्थायी श्रम गतिविधि पर समझौता
2. अनियमित प्रवासन से निपटने के लिए सहयोग
3. स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और रिसर्च पर भारत व रूस के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच समझौता
4. खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकार संरक्षण पर साझेदारी
5. ध्रुवीय जल में काम करने वाले जहाजों के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षण संबंधी समझौता
6. बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के बीच सहयोग
7. उर्वरक क्षेत्र में जेएससी यूरालकेम व भारतीय कंपनियों के बीच समझौता
8. माल और वाहनों के आवागमन पर आगमन-पूर्व सूचना साझा करने को लेकर प्रोटोकॉल
9. भारत के डाक विभाग और रूसी पोस्ट के बीच द्विपक्षीय समझौता
10. रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान, पुणे और टॉम्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी के बीच वैज्ञानिक सहयोग
11. मुंबई विश्वविद्यालय, मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी और रूसी निवेश कोष के बीच शैक्षणिक-आर्थिक सहयोग
12. प्रसार भारती और गज़प्रोम-मीडिया के बीच प्रसारण सहयोग
13. प्रसार भारती और रूस के नेशनल मीडिया ग्रुप के बीच समझौता
14. प्रसार भारती और बिग एशिया मीडिया ग्रुप के बीच प्रसारण सहयोग
15. प्रसार भारती और टीवी-नोवोस्ती के बीच समझौता का परिशिष्ट
16. “टीवी ब्रिक्स” और प्रसार भारती के बीच मीडिया सहयोग समझौता
शांति और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि बैठक में मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने नागरिकों की सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन और तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने की अपील की। ईरान परमाणु मुद्दे को बातचीत के जरिए हल करने पर जोर दिया गया। गाजा की स्थिति पर चिंता जताते हुए संघर्ष विराम, मानवीय सहायता और स्थायी शांति की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।
व्यापार, निवेश और ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पर भी हुई अहम चर्चा
विदेश सचिव के अनुसार, बातचीत का केंद्र भारत–यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) भी रहा। दोनों देशों ने तय समय सीमा में FTA को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई। साथ ही, द्विपक्षीय निवेश संधि को आगे बढ़ाने, व्यापार बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) पर सहयोग मजबूत करने का फैसला लिया गया, जिससे ट्रांजिट समय कम होगा और यूरोशिया व अन्य क्षेत्रों में भारत की व्यापारिक पहुंच बढ़ेगी।
bhavtarini.com@gmail.com 
