बिखर गए घमंडिया लोग, दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती: शिवराज
भोपाल। एक ओर भाजपा विरोधी अनेक दल अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए केंद्रीय स्तर पर गठबंधन करते हुए मजबूत मोर्चा बनाने में जुटे हैं, वहीं मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों में इसी साल हो रहे विधानसभा चुनावों के लिए साझा मंच पर आने को तैयार नहीं। मप्र में कांग्रेस और सपा की गठबंधन की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकी हैं। आम आदमी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इसी को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कांग्रेस और विपक्ष को निशाने पर लिया। शिवराज ने कहा कि दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती, ऐसा कहीं होता है? अखिलेश यादव कह रहे हैं कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक साल तक धोखे में रखा। जिन शब्दों का प्रयोग उन्होंने (अखिलेश यादव) किया है, उससे उनके मन की स्थिति को समझा जा सकता है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस, सपा और आप तीनों लड़ रहे हैं। ये किस बात का गठबंधन है? जनता आश्चर्य के साथ इस गठबंधन को देख रही है कि आज जब ये आपस में लड़ रहे हैं तो इनके हाथों में देश का भविष्य कैसे होगा?
समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी रिपोर्ट दिखाई। रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को उन्होंने जगाया और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे, लेकिन जब सीटें घोषित की गईं तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर ढ्ढ.हृ.ष्ठ.ढ्ढ. का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उसमें कभी मिलने नहीं जाते। समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा।