अयाेध्या में 1992 जैसे हालात! मुस्लिम माेहल्लाें में पसरा सन्नाटा, कई घराें में लटके ताले
लखनऊ
अयोध्या में हिन्दू विश्व परिषद की धर्म सभा में विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि हमें मंदिर के लिए बंटवारा नहीं बल्कि पूरी जमान चाहिए। चंपत राय ने कहा- हिंदुओं के सब्र की परीक्षा न ली जाए। आज सिर्फ 48 जिलों से रामभक्त आए हैं। आगे यहां और भीड़ आएगी। विहिप ने इस सभा के जरिए सरकार से आगामी शीतकालीन सत्र में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने की भी मांग की।
इस सभा में 1 लाख से अधिक लोगों के पहुंचने तथा किसी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए अयोध्या को एक किले के रूप में तबदील कर दिया गया है। हालाकि इलाके के लोगों का कहना है कि उन्हें यहां 1992 जैसे हालात दिख रहे हैं। इसलिए वे जरूरी सामान खरीद कर पहले से ही घर में रख रहे हैं। वहीं कई मुसलमान घरों से पलायन कर रिश्देदारों के घर चले गए हैं। खाली पड़े मकानाें में ताले लगे दिखाई दे रहे हैं।
इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पी.एम.सी की 48 कंपनियां, आर.एफ. की 9 कंपनियां, 30 एस.पी, 350 उपनिरीक्षक, 175 हैडकांस्टेबल तैनात करने के साथ ही निगरानी के लिए 2 ड्रोन लगाए गए हैं। प्रशासन ने कस्बे को 7 जोनों और 15 सैक्टरों में बांटा है। यहां कुल मिलाकर 1 लाख सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।
दूसरी तरफ आरएसएस ने भी राम मंदिर के निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए 4 चरणों की योजना बना ली है। 2019 में बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा कार्यकाल दिलाने की कोशिशों में आरएसएस ने राम मंदिर मामले में सक्रियता दिखानी शुरु कर दी है। आरएसएस ने विहिप और संतों की मदद से 4 चरणों में आंदोलन की योजना तैयार कर ली है। इसे 1990 के दशक में लाल कृष्ण अडवानी की अगुवाई में राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद सबसे बड़ा आंदोलन माना जा रहा है।