तेंडुलकर ने दी भारतीय गेंदबाजों को‘पांचवीं स्टंप’ की लाइन पर गेंदबाजी करने की दी सलाह

तेंडुलकर ने दी भारतीय गेंदबाजों को‘पांचवीं स्टंप’ की लाइन पर गेंदबाजी करने की  दी सलाह

नई दिल्ली
महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर का कहना है कि स्टीव स्मिथ की गैरपारंपरिक तकनीक के कारण भारतीय गेंदबाजों को उन्हें थोड़ी बाहर गेंदबाजी करनी होगी। उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजों को सलाह दी कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज के दौरान इस बल्लेबाज को ‘पांचवीं स्टंप’ की लाइन पर गेंदबाजी करें। गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण में संलिप्तता के कारण भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 2018-19 में हुई पिछली सीरीज से बाहर रहे स्मिथ इस बार इसकी भरपाई के लिए तैयार होंगे। स्मिथ ने भारत के खिलाफ छह टेस्ट शतक जड़े हैं।


सचिन की अहम सलाह
तेंडुलकर ने कहा, ‘स्मिथ की तकनीक गैरपारंपरिक है.... सामान्यत: टेस्ट मेचों में हम गेंदबाज को ऑफ स्टंप या चौथे स्टंप की लाइन के आसपास गेंदबाजी करने के लिए कहते हैं लेकिन स्मिथ मूव करता है इसलिए शायद गेंद की लाइन चार से पांच इंच और आगे होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘स्टीव के बल्ले का किनारा लगे इसके लिए चौथे और पांचवें स्टंप के बीच की लाइन पर गेंदबाजी करने का लक्ष्य बनाना चाहिए। यह कुछ और नहीं बल्कि लाइन में मानसिक रूप से बदलाव करना है।’

बैकफुट पर रखो और गलती करवाओ- तेंडुलकर
तेंडुलकर ने कहा, ‘मैंने पढ़ा है कि स्मिथ ने कहा है कि वह शॉर्ट पिच गेंदबाजी के लिए तैयार है... संभवत: वह उम्मीद कर रहा है कि गेंदबाज शुरुआत से ही उसके खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाएंगे। लेकिन मुझे लगता है कि ऑफ स्टंप के बाहर की तरफ उसकी परीक्षा ली जानी चाहिए। उसे बैकफुट पर रखो और शुरुआत में ही गलती करवाओ।’ अंदर की ओर स्विंग होती गेंद क्या अधिक प्रभावी नहीं होगी इस बारे में पूछने पर तेंडुलकर ने कहा, ‘इसके लिए यह देखना होगा कि गेंद कितनी स्विंग कर रही है। ये सभी चीजें मायने रखती हैं। आप लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते इसलिए अगर विकेट अधिक जीवंत है तो यह अलग मामला है। इंग्लैंड में टेस्ट मैचों के दौरान कभी कभी ड्यूक गेंद काफी स्विंग नहीं करती।’

टीम प्रबंधन एक रक्षात्मक गेंदबाज की पहचान करे- तेंडुलकर
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि वे विकेट पर अधिक घास छोड़ेंगे या नहीं जिससे कि गेंद अधिक मूव करे। अगर गेंद स्विंग नहीं करती है तो शायद आपको स्विंग होती यॉर्कर देखने को भी नहीं मिले।’ जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव की मौजूदगी में भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण प्रभावी है लेकिन तेंडुलकर चाहते हैं टीम प्रबंधन एक रक्षात्मक गेंदबाज की भी पहचान करे। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने हमेशा से कहा है, हमारे पास भारत के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ और संतुलित गेंदबाजी आक्रमण में से एक है। टेस्ट मैच जीतने के लिए अंतत: आपको 20 विकेट हासिल करने होते हैं। लेकिन 20 विकेट हासिल करने के लिए काफी रन भी नहीं लुटाने चाहिए।’

एक छोर से रन नहीं बनने देना चाहिए
तेंडुलकर ने कहा, ‘आक्रामक गेंदबाजों के साथ हमें ऐसे गेंदबाज की भी पहचान करनी होगी जो प्रतिकूल पिचों पर एक छोर से रन नहीं बनने दे, लगातार मेडन ओवर फेंककर दबाव बनाए।’ ऐडिलेड में 17 दिसंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के पहले गुलाबी टेस्ट के बारे में तेंडुलकर का मानना है कि अगर पारी घोषित की जाती है तो उसका समय बड़ी भूमिका निभाएगा। तेंडुलकर ने कहा, ‘संभवत: समय में बदलाव के कारण आपको दिन के पहले सत्र में तेजी से रन बनाने होगी जो दोपहर में होगा और जब पिच सपाट होती है। सूरज ढलने के समय गुलाबी गेंद सीम करना शुरू करती है और यह गेंदबाजी का आदर्श समय है।’