आंधी के बाद अब सौर तूफान का खतरा, जानिए क्या होगा आप पर असर
नई दिल्ली, रविवार को पृथ्वी से सोलर स्टॉर्म टकरा सकता है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चूंकि यह इस महीने की पहली घटना होगी, इसलिए कुछ समय के लिए ब्लैकआउट की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। एक्सप्रेस यूके की रिपोर्ट के मुताबिक सूर्य में एक कोरोनल होल खुलेगा, जिसके कारण सूरज से भारी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होगा, जिसमें कॉस्मिक कण भी मौजूद होंगे। स्पेश वेदर की एक रिपोर्ट में कहा गया, 'सोलर डिस्क के लगभग आधे हिस्से को काटते हुए एक बड़ा का छेद बनेगा, जिसके कारण सूर्य के वातावरण से पृथ्वी की ओर बेहद गर्म हवा का एक तूफान आएगा। नासा के ओर से जारी चित्र में गैस के इस तूफान को देखा जा सकता है।'
नासा की ओर से जारी तस्वीर में एक कोरोनल होल दिखाया गया है, जो उस जगह पर है जहां सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र खुलता है, जिससे गैसीय मटेरियल निकल सकें। वहीं दूसरी ओर ये क्षेत्र गर्म हवा के कारण काला नजर आता है।
नेशनल ओशन एंड एटमॉस्फियर एसोसिएशन ने कहा है कि जब ये तूफान आएगा तो उत्तर और दक्षिण में प्रकाश नजर आएगा। हालांकि नेशनल ओशन एंड एटमॉस्फियर एसोसिएशन ने इसे जी-1 या हल्का सौर तूफान करार दिया है।
नेशनल ओशन एंड एटमॉस्फियर एसोसिएशन फोरकास्ट का कहना है कि जी-1 श्रेणी का जियोमैग्नेटिक तूफान रविवार या सोमवार को उस वक्त आ सकता है, जब सौर हवाएं चलेगी। इसकी प्रतिक्रिया देखने के लिए उच्च लैटीट्यूड के स्काई वाचर तैयार हैं, खासकर के दक्षिणी गोलार्ध क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।
हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सौर तूफान का पृथ्वी के वातावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इसके कारण उपग्रह आधारित टेक्नोलॉजी ब्लैकआउट हो सकती है। जिसका सीधा मतलब है कि यदि ऐसा होता है तो ये टेक ब्लैकआउट की स्थिति होगी।
बता दें कि चुंबीय तूफान को सौर तूफान कहते हैं, जो सूर्य की सतह पर आए क्षणिक बदलाव से उत्पन्न होते हैं। इन्हें पांच श्रेणी- जी1, जी2, जी3, जी4 और जी5 में बांटा गया है। ऐसा माना जाता है कि जी 5 श्रेणी का तूफान पृथ्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।