FATF मीटिंग: टेरर फंडिंग पर पाकिस्तान होगा ब्लैकलिस्ट?
नई दिल्ली
अमेरिका के ओरलैंडो में चल रही फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की मीटिंग में भारत पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने पर जोर दे रहा है। मीटिंग में अन्य मुद्दों के अलावा इस बात की समीक्षा हो रही है कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग रोकने के लिए कितनी ईमानदारी और तेजी से काम कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने ईटी को बताया कि रविवार से शुक्रवार तक चलने वाली मीटिंग में यह फैसला लिया जा सकता है कि पाकिस्तान को 'ग्रे' लिस्ट में बनाए रखा जाए या उसे डाउनग्रेड कर 'ब्लैक' लिस्ट में डाला जाए।
सूत्रों ने संकेत दिया है कि भारत मीटिंग में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अपने यहां ऐक्टिव आतंकवादियों और उनके नेटवर्क को पाकिस्तान की तरफ से लगातार मिल रहे सपोर्ट के चलते FATF की मीटिंग में उसे डाउनग्रेड करने पर जोर दे रहा है। दूसरे सूत्र ने जमात-उद-दावा के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में उठाए गए कदमों को दिखावा बताया।
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए FATF के 36 वोटिंग मेंबर्स में से कम से कम 15 सदस्यों के सपोर्ट जबकि ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए 3 वोट की जरूरत होगी। अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहता है तो इमरान खान की सरकार को बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच विदेशी निवेश लाने में मुश्किल होगी।
पाकिस्तान पिछले एक साल से FATF की ग्रे लिस्ट में है और उसने FATF से पिछले साल जून में ऐंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग मेकेनिज्म को मजबूत बनाने के लिए उसके साथ काम करने का वादा किया था। तब उनके बीच तय समय सीमा के अंदर 10-पॉइंट ऐक्शन प्लान पर काम करने की सहमति बनी थी। ऐक्शन प्लान में जमात-उद-दावा, फलाही-इंसानियत, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों की फंडिंग पर लगाम लगाने जैसे कदम शामिल थे।
FATF ने फरवरी में यह कहते हुए पाकिस्तान के ऐक्शन पर नाखुशी जताई थी कि जनवरी 2019 तक अमली जामा पहनाए जाने वाले ऐक्शन प्लान के कई पॉइंट्स पर सीमित प्रगति हुई है। उसने कहा था कि वह पाकिस्तान से खासतौर पर ऐक्शन प्लान में मई 2019 तक पूरे किए जाने वाले बिंदुओं पर जल्द काम खत्म करने का अनुरोध करता है। पाकिस्तान के रेकॉर्ड चेक करनेवाले FATF के एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने दावा किया है कि उसके वादे पूरे नहीं हुए हैं। एपीजी में शामिल एक देश के प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान को जितना करना चाहिए था उसने उतना नहीं किया है।