भर्ती होने के लिए ढाई घंटे वार्ड के बाहर पड़ा रहा संक्रमित, हुई मौत

गोरखपुर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आ रही है। मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में सीधे पहुंचे गंभीर संक्रमितों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। सोमवार को कोरोना वार्ड के बाहर एक संक्रमित उखड़ती सांस के साथ ढाई घंटे तक इंतजार किया। वार्ड के कर्मचारी उसके परिजनों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक दौड़ाते रहे। ढाई घंटे इंतजार के दौरान वृद्ध की सांसें एम्बुलेंस में ही थम गईं।
खजनी क्षेत्र निवासी 72 वर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। ढाई घंटे तक वह एंबुलेंस में ही लेटे रहे। उन्हें भर्ती नहीं किया गया। परिजन अनुरोध करते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
डॉक्टर व स्टाफ यही बताते रहे कि बेड फुल है, कोई मरीज डिस्चार्ज होगा तभी भर्ती किया जा सकेगा। परिजनों 108 नंबर एम्बुलेंस से उन्हें लेकर दोपहर 12 बजे मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड पहुंचे। स्टाफ ने स्पष्ट कह दिया कि कहीं और ले जाइए, यहां भर्ती नहीं हो पाएंगे। बेड खाली नहीं है। वे बार-बार डॉक्टर व स्टाफ से अनुरोध कर रहे थे। रोते-गिड़गिड़ाते रहे लेकिन किसी को दया नहीं आई और अंतत: लगभग 2:30 बजे मरीज ने दम तोड़ दिया।
रोज लौटाए जा रहे मरीज
मेडिकल कॉलेज से रोजाना कई मरीजों को वापस किया जा रहा है। उनकी सुनी नहीं जा रही है। बताया जा रहा है कि आप लोग कोविड कमांड सेंटर के जरिये आइए। सीधे मरीजों को हम भर्ती नहीं कर सकते। मरीज परेशान हैं। होम आइसोलेट मरीज की यदि तबीयत अचानक खराब हो गई और परिजन कोविड कमांड सेंटर में फोन कर भर्ती कराने की प्रक्रिया पूरी करने लगे, तब तक शायद ही मरीज बचे। इसलिए लोग सीधे मेडिकल कालेज पहुंच रहे हैं और वहां निराशा हाथ लग रही है।