सिर पर सींग व फर वाली टोपी, छाती पर टैटू और संसद भवन के अंदर कॉनफेडरेट ध्वज पकड़े ट्रंप समर्थक पहुंचा जेल

सिर पर सींग व फर वाली टोपी, छाती पर टैटू और संसद भवन के अंदर कॉनफेडरेट ध्वज पकड़े ट्रंप समर्थक पहुंचा जेल

वाशिंगटन
विश्व के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश अमेरिका में सत्ता को लेकर संघर्ष देख पूरी दुनिया हैरान रह गई। अमेरिका की राजधानी में कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद) पर हमले के दौरान कई चौंकाने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इनमें सिर पर सींग व फर वाली टोपी, छाती पर टैटू और संसद भवन के अंदर कॉनफेडरेट ध्वज पकड़े ट्रंप समर्थक की तस्वीर पूरी दुनिया ने देखी। वहीं अब अमेरिकी हिंसा मामले में गिरफ्तार कई प्रदर्शनकारियों के साथ इस शख्स को भी आरोपी बनाया गया है।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान ट्रंप के समर्थन में हिंसक प्रदर्शन करने वालों में से ज्यादातर ने मास्क भी नहीं पहना था। कैपिटल बिल्डिंग में शर्टलेस ट्रंप समर्थक को भूरे रंग की पैंट पहने सींग और फर वाली टोपी में देखा गया। इस शख्स की तस्वीर दुनिया भर में वायरल हुई। ट्रंप समर्थक इस व्यक्ति का नाम जैकब एंथोनी चैंस्ले है, जिसे जेके एंजेली के रूप में भी जाना जाता है। उसके साथ खड़े दो लोगों में एक पश्चिमी वर्जीनिया का है।

अमेरिका के अटॉनी कार्यालय के मुताबिक, अमेरिकी हिंसा मामले में संघीय अदालत में इन लोगों को आरोपी बनाया गया है। सींग वाली टोपी पहने ट्रंप समर्थक पर जानबूझकर प्रतिबंधित इमारत में जबरन प्रवेश करने, हिंसा फैलाने, संसद का अपमान करने समेत कई आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका के अटॉनी कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चैंसले को मीडिया और  सोशल मीडिया में अमेरिकी ध्वज के साथ अमेरिकी संसद की इमारत में देखा गया है।

पुलिस ने बताया कि एफबीआई ने चैंसले को पूछताछ के लिए बुलाया। इस दौरान उसने बताया कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर एरिजोना से एक समूह के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने आया था। जानकारी के मुताबिक, चैंसले को हाल के महीनों में ट्रंप के कई कार्यक्रमों में देखा गया, जिनमें उसे अपनी विशिष्ट टोपी पहन रखी थी।

कोरोना महामारी के बीच अमेरिका में गत तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। इसमें डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन की जीत हुई थी और रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप की पराजय का सामना करना पड़ा। चुनाव नतीजे आने के दो माह बाद भी ट्रंप ने बाइडन के हाथों अपनी हार नहीं मानी और चुनाव में धांधली के आरोप लगाते रहे। उन्होंने चुनाव नतीजों को कई प्रांतों की अदालतों में चुनौती भी दी, लेकिन ट्रंप को निराशा ही हाथ लगी। अदालत से निराश होने के बाद ट्रंप देश की जनता का समर्थन हासिल करने का दंभ भरते रहे, लेकिन जब कांग्रेस ने जो बाइडन की जीत पर मुहर लगा दी तब उनके लिए सारे रास्ते बंद हो गए। ऐसे में उनके समर्थकों की मायूसी  हिंसा में तब्दील हो गई।