एनएचबी ने कहा, बढ़ाएं उधारी
नई दिल्ली
आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को नकदी मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने रिजर्व बैंक से उसकी उधार देने की सीमा 300 अरब रुपये से बढ़ाकर 500 अरब रुपये करने का अनुरोध किया है। इस महीने एनएचबी ने एचएफसी को पात्रता नियमों में ढील दी थी जिससे उन्हें ज्यादा कर्ज देने में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस कदम से उन बैंकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा जो इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज (आईएलऐंडएफएस) के डिफॉल्ट के बाद गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण देने में कतरा रहे थे।
एनएचबी ने केंद्रीय बैंक को उसकी उधार देने की सीमा बढ़ाकर राहत देने का अनुरोध किया है। केंद्रीय बैंक के जुलाई 2015 के दिशानिर्देशों में वित्तीय संस्थानों के लिए उधार देने की सीमा निर्धारित की थी। अभी एनएचबी सहित वित्तीय संस्थान अपने पास मौजूद फंड का दस गुना तक फंड जुटा सकते हैं।
अधिकारी ने कहा कि एनएचबी ने आरबीआई से उसकी उधार देने की सीमा को 10 गुना से बढ़ाकर 12.5-13 गुना करने का अनुरोध किया है जो करीब 800 अरब रुपये बैठती है। अधिकारी ने कहा, इस कदम से एनएचबी को अपनी उधार देने की सीमा 200-240 अरब रुपये बढ़ाने को मौका मिलेगा। इस तरह कंपनी जरूरत पडऩे पर आवास वित्त कंपनियों को करीब 500 अरब रुपये तक उधार दे सकती है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 2008-09 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद यह पहला मौका है जब एनएचबी ने एचएफसी को नकदी मुहैया कराने के लिए आरबीआई से नियमों में छूट की मांग की है। कंपनी ने यह मांग ऐसे समय उठाई है जब सरकार ने आरबीआई को एनबीएफसी की नकदी जरूरतों को पूरा करने के उपाय करने को कहा है। इसमें बैंकों को उधार देने के लिए एक विशेष सुविधा देने का उपाय शामिल है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के शोध प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष ए प्रसन्ना ने कहा, 'निश्चित रूप से इस कदम से बाजार का आत्मविश्वास बढ़ेगा। लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि इसके लिए कौन एचएफसी पात्र होंगे और कौन नहीं। एनबीएफसी या एचएफसी को इस तरह की सुविधा देने का यही एक तरीका है क्योंकि अगर आरबीआई ऐसा करता है तो यह बैंकों के जरिये ही होगा।'
मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई, 2018 से जून 2019 के बीच एनएचबी ने शुरुआत में 240 अरब रुपये उधार देने की योजना बनाई थी। अलबत्ता नकदी संकट को फैलने से रोकने के लिए 8 अक्टूबर को इस सीमा को बढ़ाकर 300 अरब रुपये कर दिया था।
एक अधिकारी ने कहा, 'अगर नियामक होने के नाते एनएचबी उधार की सीमा को बढ़ाता है तो इससे दूसरे बैंकों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। ये बैंक एचएफसी को कर्ज देने में बेहद सतर्कता बरत रहे हैं। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई में शामिल बैंक परियोजनाओं के लिए ऋण नहीं दे पा रहे हैं।'