टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता संपत अग्रवाल बसना से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता संपत अग्रवाल बसना से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

महासमुंद 
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में फैला असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. टिकट वितरण से नाराज कार्यकर्ता अब बागी सुर अपनाते हुए पार्टी से अलग होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूद रहे हैं. ऐसे ही कुछ हालात चुनाव के इन दिनों में महासमुंद में भी देखने को मिल रहे हैं.

महासमुंद जिले की बसना विधानसभा सीट पर भाजपा का पेंच फंसता नजर आ रहा है. बसना विधानसभा में भाजपा से डीसी पटेल के प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहां के दावेदारों ने बगावत कर दी है. भाजपा नेता संपत अग्रवाल ने बगावत करते हुए बुधवार को अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ नामांकन दाखिल किया तो वहीं भाजपा प्रत्याशी डीसी पटेल ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.

बागी प्रत्याशी संपत अग्रवाल ने टिकट वितरण को लेकर भाजपा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. अग्रवाल ने कहा है कि भाजपा लेन-देन की पार्टी बन गई है, जिसके चलते बसना में पार्टी ने पैराशूट प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. संपत ने कहा कि बसना में डीसी पटेल की जमानत जब्त हो जाएगी.

दरअसल, बसना विधानसभा में भाजपा से मौजूदा विधायक रूपकुमारी चौधरी के साथ क्रेडा अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा और नगर पालिका अध्यक्ष संपत अग्रवाल टिकट की लाइन में थे, लेकिन भाजपा ने मौजूदा विधायक का टिकट काटते हुए शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे डीसी पटेल को मैदान में उतारा है. हालांकि बागी प्रत्याशी के बागी बोल पर भाजपा प्रत्याशी डीसी पटेल ने पार्टी की रीति-नीति और गाइड लाइन के हिसा से पारदर्शिता के साथ टिकट वितरण होने की बात कही. उन्होंने कहा कि जमानत जब्त होना भविष्य की बात है.

बसना में जहां भाजपा और कांग्रेस के साथ जोगी कांग्रेस के बीच मुकाबला देखा जा रहा था, लेकिन अब यहां मुकाबला भाजपा बनाम भाजपा भी बनता जा रहा है. बहरहाल देखना यह होगा कि भाजपा अपने बागियों को मनाने के लिए कड़ा रुख अपनाती है या इन्हें बाहर का रास्ता दिखाती है. हो सकता है कि हार-जीत का डर बागियों को मनाने के लिए भाजपा को मजबूर कर दें.