महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए 11 दिन में 13 लोगों ने दे दी जान

महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए 11 दिन में 13 लोगों ने दे दी जान

मुंबई, महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर रविवार को एक अन्य युवक ने आत्महत्या कर ली। मृतक बीड जिले के परली तालुका के गोवर्धन का रहने वाला था। यह जिले में पिछले दो दिनो में आत्महत्या की दूसरी घटना है। वहीं, राज्य में 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं।

सुसाइड नोट लिख की आत्महत्या
इससे पहले, शनिवार को एक पंचायत सदस्य ने खुदकुशी की थी। मरने वाले का नाम महेश कदम था। वह अहमदनगर की ढालेगांव तहसील का रहने वाला था। महेश ने सुसाइड नोट में लिखा था कि लगातार सूखे के चलते स्थिति खराब होती जा रही है। मुझे मराठा रिजर्वेशन नहीं मिला, जिसके चलते बच्चों की फीस भरना मुश्किल हो गया है।

मराठा आरक्षण को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग 
इधर, एनसीपी शरद गुट के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटील, सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मराठा आरक्षण को लेकर राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन में मुलाकात की है। उन्होंने इसे लेकर उनसे विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

दो दिन पहले 2 लोगों ने आत्महत्या की थी
इससे पहले शुक्रवार 27 अक्टूबर को 2 और लोगों ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बताया कि बीड़ जिले के शत्रुघ्न काशिद और उस्मानाबाद जिले के बलिराम देवीदास साबले ने आत्महत्या की। राज्य में 10 दिनों में अब तक 12 लोग अपनी जान दे चुके हैं। मराठा आरक्षण के नेता मनोज जारांगे ने 27 अक्टूबर को बताया कि राज्य सरकार आरक्षण के विरोध में हैं। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही है। शिंदे सरकार ने 7 सितंबर को मराठा आरक्षण पर एक कमेटी बनाई, जिसे रिटायर्ड जज संदीप शिंदे लीड कर रहे हैं। कमेटी को रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन बढ़ाकर 24 दिसंबर कर दी गई है।

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