बिक गई कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल कंपनी
मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल के लिए समाधान योजना को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। इससे हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के लिए कंपनी के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। कंपनी ने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के एडमिनिस्ट्रेटर को आरबीआई से एनओसी मिल गई है। आईआईएचएल ने अप्रैल में संपन्न नीलामी के दूसरे दौर में रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान में चूक और गवर्नेंस से जुड़ी गंभीर समस्याओं के कारण रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया।
आरबीआई ने आईबीसी के तहत इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग की कार्यवाही शुरू की थी
आरबीआई ने कंपनी के कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के संबंध में नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया था। रिलायंस कैपिटल तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी है, जिसके खिलाफ आरबीआई ने आईबीसी के तहत इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग की कार्यवाही शुरू की थी। दो अन्य एनबीएफसी श्रेई ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन हैं। बाद में केंद्रीय बैंक ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ में कंपनी के खिलाफ सीआईआरपी शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया।
कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज
रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। पहले राउंड में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट ने इसके लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है। एडमिनिस्ट्रेटर ने फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 23,666 करोड़ रुपये के दावों को वेरिफाई किया है। अनिल अंबानी की कई दूसरी कंपनियों पर भी भारी कर्ज है और वे इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के दौर से गुजर रही हैं।