सूरत में देश की पहली स्टील की सडक, जानिए इसकी क्या है खासियत

सूरत में देश की पहली स्टील की सडक, जानिए इसकी क्या है खासियत

नई दिल्ली, वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर गंभीर केंद्र सरकार इसका इस्तेमाल देश के विकास कार्यों में कैसे करें, उस पर मंथन कर रही है। लंबे शोध के बाद गुजरात में देश की पहली स्टील सड़क बनाई गई है। दरअसल, हर साल तमाम स्टील प्लांट से कई मिलियन टन स्लैग निकलता है। स्टील प्लांट से निकले इस स्लैग के कई पहाड़ तक बन गए हैं। अब सरकार इस स्लैग का इस्तेमाल सड़क बनाने में कर रही है, जिससे कचरे से तो निजात मिलेगी ही, विकास कार्य भी होगा। केंद्र सरकार के अधीन विभागों ने स्टील वेस्ट से एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है। यह सड़क सामान्य से अधिक मजबूत है। इस पर से हर रोज करीब 1 हजार ट्रक भारी वजह लेकर गुजरते हैं।

अभी ट्रायल किया जा रहा 
स्टील के कचरे से बनी ये स्टील सड़क 6 लेन की है। अभी सिर्फ ट्रायल किया जा रहा है, इसलिए सिर्फ 1 किलोमीटर लंबी 6 लेन की सड़क बनाई गई है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में हाइवे बनाने में स्टील के कचरे का इस्तेमाल होगा।

1 करोड़ 90 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया 
हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में एक किलोमीटर लंबी सड़क स्टील वेस्ट का इस्तेमाल कर बनाई गई है। 6 लेन की इस सड़क को बनाने में सूरत के स्टील प्लांटों का 1 करोड़ 90 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया है। सूरत हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में ये स्टील सड़क जिस जगह बनाई गई है, वह हजीरा पोर्ट की तरफ आते जाते भारी वाहनों के चलते पूरी तरह खराब हो गई थी। स्टील वेस्ट से बनी इस सड़क पर अब हर दिन करीब 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन का वजन लेकर गुजरते हैं।

स्टील सड़क काफी मजबूत और टिकाऊ 
स्टील सड़क बनाने के लिए सबसे पहले स्टील प्लांट से निकले स्लैग से गिट्टी बनाई जाती है। इसके बाद इस गिट्टी का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाता है। यह सड़क गुजरात के हजीरा पोर्ट के पास बनी है, जहां करीब 1 किलोमीटर लंबी सड़क भारी-भारी ट्रकों के चलने की वजह से खराब हो गई थी। अब भी इस सड़क से भारी ट्रक गुजरते हैं, लेकिन सड़क पर कोई असर नहीं पड़ रहा। एक्सपर्ट का मानना है कि स्टील सड़क काफी मजबूत और टिकाऊ है, जिसे अब पूरे देश में बनाने पर विचार किया जा रहा है।

मानसून के मौसम में होने वाले किसी भी नुकसान से बचा सकता है
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान द्वारा इस्पात और नीति आयोग की मदद से सूरत में इस प्रोजेक्ट पर काम किया गया है। सड़क बनाने का यह नया तरीका सड़कों को मानसून के मौसम में होने वाले किसी भी नुकसान से बचा सकता है।

पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है स्टील प्लांट्स में कचरे का ढेर
बता दें कि देश के स्टील प्लांट्स में स्टील का कचरा इतनी बड़ी मात्रा में निकलता है कि प्लांट्स में कचरे के पहाड़ बनने लगे हैं, जो कि पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है, इसीलिए नीति आयोग के निर्देश पर इस्पात मंत्रालय ने इस कचरे के इस्तेमाल करने का प्रोजेक्ट तैयार किया था।