भारत को हराना एवरेस्ट फतह करने के समान : लैंगर

मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त कोच जस्टिन लैंगर ने गुरुवार को कहा कि उनकी टीम तो तभी महान कहा जाएगा जब वह भारत में टेस्ट सीरीज जीत पाएगी। इसकी तुलना उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह करने से की क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पिछली बार 2004 में भारत में टेस्ट सीरीज जीती थी। डेरेन लीमैन की जगह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की बागडोर संभालने वाले लैंगर के सामने कई बड़े टूर्नमेंटों की चुनौती है लेकिन उनके लिए भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा सबसे बड़ी चुनौती है। लैंगर ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें विश्व कप, टी 20 विश्व कप और दो एशेज (2019 में और 2021-22 में) में खेलना है। जब मैं इस बारे में सोचता हूं तो नर्वस हो जाता हूं। कुछ बड़े टूर्नमेंट होने हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अंतत : अगर मैं भविष्य की ओर देखूं तो तीन से चार साल में होने वाला भारतीय टेस्ट दौरा (2021) मेरी नजर में सर्वोच्च है। अगर हम भारत को भारत में हरा पाते हैं तो ही फैसला कर पाएंगे कि हम महान टीम हैं या नहीं।’ लैंगर 2004 में एडम गिलक्रिस्ट की अगुआई में भारत में 2-1 से टेस्ट सीरीज जीतने वाली टीम के सदस्य थे और उनकी नजर में यह माउंट एवरेस्ट फतह करने की तरह था। लैंगर का मानना है कि भारत में जीत से भावनात्मक रूप से टूट चुकी राष्ट्रीय टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने करियर को देखूं तो माउंट एवरेस्ट जैसा लम्हा 2004 में आया था जब हमने अंतत: भारत को भारत में हराया था। हमें विदेशों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा, हम तभी महान टीम बनेंगे जब हम विदेश और स्वदेश में जीतेंगे इसलिए ऐसा करना हमारा लक्ष्य होगा।’ लैंगर ने माना कि ऑस्ट्रेलिया जब इस साल भारत सहित कई अन्य टीमों की मेजबानी करेगा तो उन्हें पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ और पूर्व उप कप्तान डेविड वार्नर की कमी खलेगी। इन दोनों के अलावा युवा टेस्ट सलामी बल्लेबाज कैमरन बेनक्राफ्ट को हाल में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण में उनकी भूमिका के लिए निलंबित किया गया है। यह पूछने पर कि 2014 से ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट रनों में 37 प्रतिशत का योगदान देने वाले स्मिथ और वार्नर की गैरमौजूदगी की भरपाई के लिए उन्होंने क्या योजना बनाई तो लैंगर ने कहा, ‘उनके रन और अनुभव का विकल्प ढूंढना मुश्किल होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगले 11 महीने में कुछ खिलाड़ियों के लिए यह मौका होगा जिसका उन्हें फायदा उठाना होगा ... हमें और मजबूत बनाना होगा और टीम में गहराई प्रदान करनी होगी। बड़े टूर्नामेंटों के लिए वे बड़े खिलाड़ी हैं।’