पावर सेक्टर में पारदर्शिता का राष्ट्रीय मॉडल बना राजस्थान

पावर सेक्टर में पारदर्शिता का राष्ट्रीय मॉडल बना राजस्थान

जयपुर। केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVPNL) द्वारा अपनाई गई पारदर्शी व्यवस्था की सराहना करते हुए इसे देश के अन्य राज्यों के लिए श्रेष्ठ व्यवहार (Best Practice) के रूप में अपनाने के निर्देश जारी किए हैं।

MNRE द्वारा सभी राज्य विद्युत प्रसारण उपयोगिताओं (STUs) को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे राज्य ग्रिड उप केंद्रों पर विद्युत कनेक्टिविटी हेतु उपलब्ध अतिरिक्त ट्रांसमिशन क्षमता की जानकारी नियमित रूप से सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराएं। इस निर्णय में राजस्थान द्वारा की गई पहल को विशेष रूप से उदाहरण के रूप में उल्लेख किया गया है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVPNL) द्वारा राज्य के 400 केवी, 220 केवी एवं 132 केवी ग्रिड उपकेंद्रों पर उपलब्ध अतिरिक्त ट्रांसमिशन क्षमता की अद्यतन जानकारी नियमित रूप से निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक की जा रही है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना विकासकर्ताओं को ग्रिड उपलब्धता की स्पष्ट जानकारी मिल रही है, अनिश्चितता कम हुई है तथा परियोजनाओं की योजना एवं निवेश निर्णय समय पर लिए जा रहे हैं।

राजस्थान की इस पहल से परियोजना नियोजन की समय-सीमा में सुधार हुआ है और नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण (Grid Integration) को मजबूती मिली है। इसी अनुभव के आधार पर केंद्र सरकार ने इस पारदर्शिता आधारित व्यवस्था को देशभर में मानकीकृत करने की मंशा व्यक्त की है।

भारत सरकार की इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना, तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं औद्योगिक/वाणिज्यिक (C&I) उपभोक्ताओं को उनकी परियोजनाओं की प्रभावी योजना बनाने में सहायता प्रदान करना है।

राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम द्वारा अपनाई गई यह व्यवस्था ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शी, सुदृढ़ एवं निवेश-अनुकूल वातावरण के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और अनुकरणीय कदम है।