राज्य सरकार राजस्थान को ‘औद्योगिक प्रदेश’ बनाएगी: उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री
जयपुर। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को ‘औद्योगिक राज्य’ बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए सरकार का संकल्प भी है और स्पष्ट नीति और नीयत भी है। उन्होंने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए उद्योग बहुत जरूरी होते हैं। जिस देश या राज्य में उद्योग और निवेश आते हैं, वहां अर्थव्यवस्था सुधरती है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री गुरूवार को विधानसभा में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम लिमिटेड (रीको) के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 पर विचार के दौरान अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने विगत 10 वर्षों में देश में उद्योग और निवेश के रास्ते खोले हैं। उसी का परिणाम है कि आज दुनियाभर के उद्यमी भारत में निवेश करना चाहते हैं। देश को दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में प्रदेश के उद्यमियों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। कर्नल राठौड़ ने कहा कि अब हम राजस्थान को औद्योगिक रूप से बदलेंगे। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के साथ ‘आत्मनिर्भर राजस्थान’ भी बनेगा।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि औद्योगिक उन्नति के लिए नीति, नीयत और दृष्टि का होना बहुत जरूरी है। हम राजस्थान को आगे ले जाना चाहते हैं। इसके लिए राज्य सरकार सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि हम वास्तविक बिजनेसमैन को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उद्यमियों को सुविधा की दृष्टि से प्रदेश में उद्योग के लिए भूमि की लागत कम करने की दिशा में विचार चल रहा है। प्रदेश में सौर ऊर्जा की अपार संभावना है। ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इसमें ईआरसीपी का भी उद्योगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सेवाएं भी शुरू की गई है, जिससे उन्हें कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे तथा सभी कार्य मोबाइल के माध्यम से ही हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में छोटे एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अलग से भूखण्डों का प्रावधान किया गया है। इसके लिए लॉटरी सिस्टम भी शुरू कर दिया गया है।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि गत सरकार ने रीको की राशि दूसरी योजनाओं में उपयोग में ली। उन्होंने कहा कि विगत 5 वर्षों में 176 औद्योगिक क्षेत्रों की घोषणा हुई, लेकिन केवल 31 औद्योगिक क्षेत्र ही अस्तित्व में आ पाए। उन्होंने भौगोलिक क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप उद्योगों की स्थापना की जरूरत पर बल दिया। साथ ही, नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा आदि के क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता भी जाहिर की।