रंगून, म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का समर्थन करना चीन को अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार की क्रूर सेना का बचाव करने पर अपना गुस्सा चीनी फैक्ट्रियों पर निकाला है।
म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में चीन के निवेश वाली 32 फैक्ट्रियों पर हमले हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इन फैक्ट्रियों में न सिर्फ आगजनी की है, बल्कि कईयों को लूट लिया गया है। दरअसल, म्यांमार में तख्तापलट के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है, जो लंबे समय से वहां की लोकतांत्रित सरकार से खुश नहीं था।
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260 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
म्यांमार में स्थित चीनी दूतावास के अनुसार, यंगून में चीनी निवेश वाली कुल 32 फैक्ट्रियों पर हमले हुए हैं। इन हमलों में 36 मिलियन डॉलर ( 261 करोड़ रुपये से ज्यादा) से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
इन हमलों में फैक्टरियों में काम करने वाले चीन के दो नागरिक भी घायल हुए हैं। उधर, चीनी विदेश मंत्रालय ने चीन की फैक्ट्रियों पर हो रहे हमले को रोकने और चीनी कर्मचारियों और उद्यमों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए म्यांमार की सेना से बात की है। चीन ने हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को दंडित करने को भी कहा है।
फैक्टरियों वाले इलाके में मॉर्शल ला घोषित
चीनी सरकार के इस बयान के तुरंत बाद म्यांमार की सैन्य सरकार ने इन फैक्ट्रियों वाले इलाके में मार्शल लॉ घोषित कर दिया है। यह वही इलाका है जहां रविवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा 37 से अधिक लोगों को मार दिया गया। म्यांमार के आम लोगों ने चीन के इस बयान की कड़ी निंदा की है। यहां के लोगों में चीन के खिलाफ आक्रोश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।
सोशल मीडिया में म्यांमार के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा
10 लाख से अधिक लोगों ने सोशल मीडिया में चीन के बयान की निंदा की है। एक यूजर ने लिखा कि हम पूरी तरह से अपने हितों के लिए खड़े होकर चीनी दूतावास के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों लोगों की जान जाने के बावजूद चीन सैन्य शासन की निंदा करने में विफल रहा है। एक दूसरे यूजर ने लिखा कि आप पर शर्म आती है, चीन! आप बर्मी लोगों की गैरकानूनी हत्या की पूरी तरह से अनदेखी करते हैं और केवल अपने स्वार्थ के लिए बोलते हैं।