अध्ययन : मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी शिशु को बचाती है कोरोना से

अध्ययन : मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी शिशु को बचाती है कोरोना से

न्यूयार्क
मां के दूध में शिशु को कोरोना से बचाने की जबरदस्त क्षमता है। ऐसा न्यूयॉर्क के इकैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों ने दावा किया है।  रिबेका पावेल जो न्यूयार्क में काम करने वाली इम्युनिटी की विशेषज्ञ चिकित्सक हैं उन्होंने अपने अध्ययन में पाया है कि दूध पिलाने से मां से शिशुओं में संक्रमण नहीं फैलता है। अगर मां कोरोना पॉजीटिव भी हो तो भी मां का दूध नवजात को संक्रमण से बचा सकता है। उनका आरंभिक शोध कहता है कि मां के दूध में कोरोना संक्रमण से लड़ने की उच्च स्तर की क्षमता है। डॉक्टरों की टीम इस बात पर शोध कर रही है कि मां के दूध में वायरस से लड़ने की कितनी क्षमता है। साथ ही क्या मां के दूध से कोरोना वायरस से लड़ने के निदान ढूंढे जा सकते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्रेस्ट मिल्क में पाई जाने वाली एंटीबॉडी कोरोना से लड़ने में मददगार हो सकती है पर इस पर अभी काफी कम अध्ययन हुआ है। माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडिसीन में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद कार्यरत रिबेका पावेल ने अपने अध्ययन के लिए ऐसी महिलाओं का दूध संग्रह किया जो कोरोना पॉजीटिव हैं। उनके कॉलेज की प्रयोगशाला में डॉक्टरों की टीम मां के दूध के इम्युनिटी क्षमता पर शोध कर रही है।  इस लैब में कार्यरत वैज्ञानिक मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी में कोरोना से लड़ने मौजूद ताकत पर भी अध्ययन कर रहे हैं। इस टीम के शोध के शुरुआती नतीजे उत्साहजनक हैं।

15 महिलाओं पर अध्ययन
एंटीबॉडी शरीर में बनने वाले वह प्रोटीन होते हैं जो बाहरी बैक्टिरिया और वायरस से लड़ने के लिए शरीर को क्षमता प्रदान करते हैं।  पावेल के अध्ययन ने पाया कि मां के दूध में फ्लू जैसी वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी मौजूद है। उनकी टीम ने 15 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क के सेंपल पर अध्ययन किया है जो हाल में कोविड 19 से ठीक हुई हैं। यह शोध एक ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित हुआ है। 

और शोध की जरूरत
टीम ने पाया कि 80 फीसदी यानी 13 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में फ्लू जैसी बीमारी से लड़ने के लिए एंटीबॉडी मौजूद थी। मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी को एम्युनोग्लोब्लिन ए कहा जाता है।  पावेल के मुताबिक यह शोध बताता है कि मां के दूध में कोविड 19 का प्रतिकार करने की मजबूत क्षमता है। हालांकि इसमें अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। 

मां के दूध से दी कोरोना को मात
हाल में गोरखपुर एक नवजात में कोरोना पॉजीटिवव का मामला समाने आया था। पर इस बच्चे को लगातार मां का दूध दिया गया। इस मामल में डॉक्टरों ने कहा था कि मां के दूध के सेवन से बढ़ी हुई आत्म-प्रतिरक्षा के कारण बच्चा बिना किसी दवा के ही ठीक हो गया। 

मां दूध पिलाती रहे
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे के छह माह का होने तक माताओं को केवल स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें। यदि बच्चा बीमार है और कोरोना से संक्रमित है या उसकी आशंका है तो भी मां उसे पूरी सावधानी के साथ अपना दूध जरूर पिलाती रहे।