CM मान ने पंजाब को देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभरने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया
किसानों के हितों की रक्षा के लिए वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी की वकालत
चंडीगढ़, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को सभी बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, उद्योगपतियों, नौकरशाहों और अन्य हितधारकों से आह्वान किया कि वे पंजाब को देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभरने के लिए हाथ मिलाएं। पंजाब विश्वविद्यालय में ‘विजन पंजाब’ सेमिनार के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक उपजाऊ भूमि है, जिसे संतों, ऋषियों, पैगम्बरों और शहीदों का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने कहा कि पवित्र भूमि होने के बावजूद पंजाब पिछली सरकारों के उदासीन रवैये के कारण विकास की गति में पिछड़ गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के मेहनतकश और दृढ़ निश्चयी किसानों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है, लेकिन केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों की उदासीनता का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो किसान खाद्यान्न उत्पादक के रूप में जाने जाते हैं, उन पर एक पखवाड़े के बाद धान की पराली जलाने के लिए आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना इस समस्या से निपटने का समाधान नहीं है क्योंकि इससे सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है। उन्होंने धान की पराली जलाने की समस्या के प्रबंधन के लिए एक स्थायी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बहुत सारी बातों के बावजूद धान की पराली जलाने की समस्या का अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जा सका है।
मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि यह पूरे उत्तरी क्षेत्र का एक लंबे समय से लंबित मुद्दा है, लेकिन किसानों के पास फसलों के अवशेषों के प्रबंधन के लिए कोई व्यवहार्य तंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान पराली जलाना नहीं चाहते हैं क्योंकि सबसे पहले किसानों के परिवारों को इस समस्या का खामियाजा भुगतना पड़ता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को उचित धान की पराली प्रबंधन सुनिश्चित करके इस समस्या से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करके हाथ मिलाना होगा। किसानों के हितों की रक्षा के लिए वैकल्पिक फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की वकालत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंजाब ने उपजाऊ मिट्टी और पानी के अत्यधिक दोहन के कारण अपने एकमात्र उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को खो दिया है।
सीएम मान ने कहा कि एक किलो चावल के उत्पादन के लिए लगभग 3500 लीटर पानी की खपत होती है, जिसके कारण राज्य का जल स्तर खतरे के स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के किसान वैकल्पिक फसलों को तभी अपना सकते हैं, जब उन्हें इन फसलों का एमएसपी मिले। उन्होंने कहा कि इन फसलों का सुनिश्चित विपणन किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब दुनिया भर में एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसका मताधिकार दुनिया भर में है, क्योंकि पंजाबियों का हर दूसरे देश में दबदबा है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों में कड़ी मेहनत करने और उत्कृष्टता हासिल करने की अदम्य भावना है, जिसके कारण उन्होंने दुनिया में अपने लिए एक अलग पहचान बनाई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि बोइंग में 45 प्रतिशत इंजीनियर जीएनई लुधियाना से हैं। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट, ओला, मास्टरकार्ड और अन्य कंपनियों के सीईओ भी पंजाबी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन युवाओं में हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए निहित गुण हैं और उनकी क्षमताओं का सही उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और युवा विमान की तरह हैं और राज्य सरकार उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए लॉन्चपैड प्रदान करेगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक पंजाब के विद्यार्थी अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के कायाकल्प के लिए ठोस प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य भर में स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को भी उन्नत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रखा ताकि वे समाज में प्रगति न कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके विपरीत उनका ध्यान गरीब विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आश्वासन देकर उन्हें सशक्त बनाने पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिणाम सबके सामने है, क्योंकि सरकारी स्कूलों के 158 विद्यार्थियों ने पहली बार प्रतिष्ठित जेईई परीक्षा पास की है। उन्होंने कहा कि यह तो बस शुरुआत है, आने वाले दिनों में ऐसे और भी परिणाम देखने को मिलेंगे, जिसके लिए उनकी सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने योग्यता के आधार पर युवाओं को 45000 से अधिक नौकरियां दी हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण देने के लिए आठ हाई-टेक केंद्र खोल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये केंद्र युवाओं को यूपीएससी परीक्षा पास करने और राज्य व देश में प्रतिष्ठित पदों पर बैठने के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि युवा उच्च पदों पर बैठें और देश की सेवा करें। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ को राज्य की भावनात्मक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और समृद्ध विरासत का हिस्सा बताते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय में हरियाणा का कोई हिस्सा नहीं चाहिए, क्योंकि यह क्षेत्र का सर्वोच्च शैक्षणिक संस्थान है। उन्होंने कहा कि न तो हरियाणा के किसी भी कॉलेज को विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जाएगी और न ही हरियाणा द्वारा विश्वविद्यालय की सीनेट में पिछले दरवाजे से प्रवेश करने की किसी भी कोशिश को अनुमति दी जाएगी।
सीएम मान ने दुख जताया कि विश्वविद्यालय का दर्जा बदलने के लिए नियमित रूप से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार छात्रों के व्यापक हितों में ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पंजाब समर्थक और विकासोन्मुखी रुख के कारण विपक्षी नेता उन पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि यह आलोचना पूरी तरह से तर्कहीन और उनकी सनक पर आधारित है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि इससे वह अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से निभाने से पीछे नहीं हटेंगे और वह पंजाब और पंजाबियों की भलाई के लिए अथक प्रयास करेंगे।