आगरा: धर्मांतरण की सूचना पर की मारपीट
आगरा
आगरा के एक होटल में धर्मांतरण की सूचना पर मारपीट और तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने शनिवार को वीएचपी और बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। इस मामले में थाना ताजगंज में रिपोर्ट दर्ज है। हालांकि कुछ घंटे बाद ही दोनों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित होटल समोवर के बेसमेंट में ईसाई धर्म प्रचारकों की सभा चल रही थी। यहां धर्मांतरण की सूचना पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता पहुंच गए। वीएचपी का आरोप है कि सभा में मौजूद लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाया जा रहा था और हिंदू धर्म के देवी देवताओं की बुराई कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही थी। मामले में सनी बंसवार की तहरीर पर सात मिशनरी प्रचारकों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं, इस मामले में ईसाई प्रचारकों की ओर से दर्ज एफआइआर में आरोप लगाया गया था कि उनके साथ मारपीट की गई।
गृह और विदेश मंत्रालय से की थी शिकायत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में ईसाई मिशनरी के लोगों ने अपनी शिकायत थाने में दर्ज कराई और देश के गृह और विदेश विभाग को पूरी घटना से अवगत करा दिया। बताया जाता है कि विदेश मंत्रालय ने यूपी सरकार से इस मामले में कैफियत तलब की। इसके बाद वीएचपी और बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का मन बना लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया।
डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा ने मदद से किया इनकार!
पर्दे के पीछे चल रहे इस घटनाक्रम का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को बीजेपी संगठन की बैठक में भाग लेने आए यूपी के डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा से वीएचपी और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने पुलिस कार्रवाई बंद कराने के लिए गुहार लगाई। सूत्र बताते हैं कि दिनेश शर्मा ने साफ तौर पर उनकी मदद करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'बात विदेश मंत्रालय तक जा पहुंची है। आप लोग बड़ी बदनामी करा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि इस मामले में वह अब कुछ नहीं कर सकते, अब रिपोर्ट में नामजद लोगों को पुलिस या कोर्ट के सामने सरेंडर कर जमानत कराने की कानूनी प्रक्रिया अपनानी चाहिए। ऊपर से ग्रीन सिग्नल मिलते ही शनिवार को पुलिस ऐक्शन में आ गई और वीएचपी के कार्यकर्ता रवि और बजरंग दल के संजय दुबे को गिरफ्तार कर लिया। कुछ समय के बाद आरोपियों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।