इमरान खान ने कहा- भारत करे पहल तो सुधर जाएंगे रिश्ते

इमरान खान ने कहा- भारत करे पहल तो सुधर जाएंगे रिश्ते

 इस्लामाबाद  
                                                                                                
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि भारत को कश्मीर पर बात करते हुए द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए पहला कदम उठाना होगा, जो कि दोनों पक्षों के बीच बेहतर संबंधों के रास्ते में खड़ी एकमात्र बांधा है।इमरान खान ने यह बात देश के प्रमुख थिंक टैंकों के सहयोग से पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान इस्लामाबाद सुरक्षा संवाद के पहले संस्करण को संबोधित करते हुए कही।भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं द्वारा 24 फरवरी की मध्यरात्रि से जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 2003 में हुए संघर्षविराम के पिछले समझौतों पर लौटने के बाद, भारत के साथ संबंधों पर इमरान खान की यह पहली सार्वजनिक टिप्पणी है।

इमरान खान ने भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर पर लिए गए फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा,  “एक मुद्दा है जो हमें इस समय आपसी संबंधों को सुधारने से रोक रहा है। हम अपना प्रयास करेंगे लेकिन भारत को पहला कदम उठाना होगा, क्योंकि 5 अगस्त के फैसले  के बाद जब तक वे पहला कदम नहीं उठाते, तब तक दुर्भाग्य से हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं।"  इमरान खान ने कहा, "हमारा मुद्दा मूल रूप से कश्मीर है और यही एकमात्र मुद्दा है। हमें इस पर सोचना होगा कि कैसे इसे बातचीत के माध्यम से सुलझा सकते हैं और सभ्य पड़ोसियों के रूप में एक बेहतर संबंध स्थापित कर सकते हैं।"

पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि साल 2018 में सरकार बनाने के बाद उन्होंने भारत के साथ सभी मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया था। लेकिन दुर्भाग्यवश 5 अगस्त  के फैसला एक बड़ा झटका था और यहीं से दोनों देशों के बीच संबंध फिर से पूरी तरह टूट गया था।" उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "हम अभी भी उम्मीद करते हैं कि भारत कश्मीरियों को वो अधिकार दें, जो उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अपने जीवन को तय करने के लिए दिए थे। यह भारत के लिए उतना ही फायदेमंद होगा जितना कि पाकिस्तान के लिए।"

उन्होंने कहा, “यदि बातचीत के माध्यम से कश्मीर के संकल्प की दिशा में बदलाव होता है, तो पूरा क्षेत्र बदल जाएगा और दोनों देशों को काफी फायदा होगा - भारत के लिए लाभ होगा, क्योंकि वहां बहुत गरीबी है इसलिए यदि गरीबी को दूर करना है तो हमारे व्यापारिक और आर्थिक संबंध मजबूत होने चाहिए और हमारी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़नी चाहिए।” इमरान खान की इस टिप्पणी में बीते एक साल में भारत और नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर उनको कड़ो आलोचनात्मक रुख में बदलाव देखा गया है।