एक छात्र ने DME और मेडिकल कॉलेजों पर ठोका 10 करोड़ का दावा
जबलपुर
मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के पीड़ित एक छात्र ने 10 करोड़ का दावा ठोका है. छात्र ने हाईकोर्ट में केस दायर कर प्रदेश के सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और संचालक मेडिकल एजुकेशन को पार्टी बनाया है.
खंडवा का ये छात्र सत्र 2017- 2018 की पीएमटी में शामिल हुआ था. अच्छे नंबर होने के बावजूद उसे मेडिकल कॉलेज में दाख़िला नहीं मिला, जबकि उससे बहुत कम नंबर वाले अपात्र छात्रों को एडमिशन दे दिया गया.
पीएमटी का ये पूरा फर्जीवाड़ा मॉप अप राउॅंड के ज़रिए किए गया था.इसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने योग्य छात्रों का हक़ मारकर उनकी सीटें करोड़ों रुपए में अयोग्य छात्रों को बेच दीं थीं. घोटाले का ख़ुलासा होने पर ग़लत तरीके से प्रवेश पाए 94 छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया था. लेकिन सभी बर्खास्त छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी. उनके दाख़िले निरस्त नहीं किए गए इसलिए योग्य छात्र फिर से बाहर ही रह गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्रों को मुआवज़ा दिलाने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के उसी फैसले को ध्यान में रखते हुए पीड़ित छात्र ने अब जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगायी है. उसने अपना करियर बर्बाद करने के लिए पूरे शिक्षा तंत्र को ज़िम्मेदार ठहराते हुए डीएमई और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर 10 करोड़ का मुआवज़े का केस किया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों सहित डीएमई और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब तलब किया है.