एक बार ठेका होने के बाद ठेकेदार पीछे नहीं हट सकता-हाईकोर्ट
जबलपुर
मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के बीच जारी विवाद पर आज जबलपुर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.हाईकोर्ट ने ठेकेदारों की मुख्य मांगों को नामंजूर कर दिया है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नियमों के मुताबिक एक बार ठेका होने के बाद ठेकेदार पीछे नहीं हट सकता है.ठेकेदारों ने शराब ठेके नीलामी की रकम कम करने या ठेके निरस्त करने की मांग उठाई थी.हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 29 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद पर जबलपुर हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. शराब ठेकेदारों की ओर से दायर की गई करीब 37 याचिकाओं का हाईकोर्ट ने निपटारा करते हुए फैसला सुनाया है. अपनी याचिकाओं में ठेकेदारों ने शराब ठेके नीलामी की रकम कम करने या ठेके निरस्त करने की मांग उठाई थी. ठेकेदारों का कहना था जब मार्च में शराब के ठेके हुए तो नियम साल भर के हिसाब से बनाए गए थे.लेकिन कोविड-19 के संक्रमण के कारण शराब दुकानें बंद रहीं इसलिए बिक्री शून्य रही. फिर जब शराब दुकानों को खोलने के आदेश जारी किए गए तो ऐसे कई नियम बना दिए गए जिससे शराब ठेकेदारों को काफी नुकसान होता. लिहाजा याचिकाओं पर शराब ठेकेदारों ने ठेके को निरस्त करने या फिर नीलामी की रकम को कम करने की मांग उठाई.
सरकार का तर्क
लेकिन सरकार का अपना तर्क था.सरकार ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि ठेके के नियमों के मुताबिक सरकार के पास अधिकार होता है कि वह समय के साथ अपने नियमों में बदलाव कर सकती है. हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 29 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार नए सिरे से ठेके जारी नहीं करेगी. जो ठेके पहले हो चुके हैं उसी के मुताबिक शराब ठेकेदारों को चलना होगा.