केदारनाथ, जल संकट, चुनाव और योग...PM मोदी ने मन की बात के पहले शो में उठाए ये मुद्दे

केदारनाथ, जल संकट, चुनाव और योग...PM मोदी ने मन की बात के पहले शो में उठाए ये मुद्दे

 
नई दिल्ली 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में रविवार को अपने पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, 'उनका यह कार्यक्रम लगभग चार महीने बाद हो रहा है. लंबे अंतराल के बाद आपसे संवाद करने का मौका मिला है.' इस बार के 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम ने स्वच्छता, जल संरक्षण और योग आदि मुद्दों पर बात की. उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए जनता से तीन अनुरोध भी किए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में जल संकट की समस्या से निपटने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें भारत के लोगों पर हमेशा से विश्वास था कि वे उन्हें एक बार फिर वापस लाएंगे. आपातकाल, इसके परिणामों, लोगों के सुझाव जो हमेशा उनके समाधान के साथ उन्हें हैरान करते हैं, इन सब पर बोलने के साथ ही मोदी ने देश के विशाल हिस्सों में बड़े पैमाने पर सूखे से निपटने के लिए जल संरक्षण पर जोर दिया.

जल संरक्षण पर दिए ये तीन सुझाव--

1- जिस तरह से देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. ठीक वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करनी चाहिए.

2- देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं. जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को लोग एक दूसरे से साझा करें.

3- यदि आप जल संरक्षण काम करने वाले किसी व्यक्ति या गैर सरकारी संगठन के बारे में जानते हैं, तो लोगों के उसके बारे में बताएं.

पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा...

- एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच 'मन की बात', जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं. चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था. हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे.

- 'मन की बात' देश और समाज के लिए आइने की तरह है. ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है.

- कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए हैं जिसमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बात’ को मिस कर रहे हैं. जब मैं पढता हूं, सुनता हूं मुझे अच्छा लगता है. मैं अपनापन महसूस करता हूं.

- कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में, मैं केदारनाथ क्यों चला गया, बहुत सारे सवाल पूछे हैं. आपका हक है, आपकी जिज्ञासा भी मैं समझ सकता हूं.