शोपियां: आतंकियों में शामिल कश्मीर विश्वविद्यालय का प्रफेसर भी मुठभेड़ में ढेर

श्रीनगर 
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में पांच आतंकियों को मार गिराया गया है। मारे गए आतंकियों में कश्मीर यूनिवर्सिटी का प्रफेसर मोहम्मद रफी बट भी शामिल था। बताया जा रहा है कि बट शुक्रवार शाम से लापता था। यह भी कहा जा रहा है कि बट ने 36 घंटे पहले ही आतंकी संगठन जॉइन किया था।


आतंकी गतिविधियों में बट की संलिप्तता शुक्रवार शाम से शुरू हुई और रविवार को शोपियां के बाडीगाम गांव में हुए एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई। बट सेंट्रल कश्मीर के गांदरबल जिले के चुंडुना गांव का रहने वाला था। वह कश्मीर यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर असिस्टेंट प्रफेसर था। 

बताया जा रहा है कि बट शुक्रवार शाम 3:30 बजे से लापता था। उसने उसी दिन अपनी मां से आखिरी बार बात की थी, पर अपने भविष्य की योजना के बारे में कुछ भी नहीं बताया था। 2016 में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कई युवाओं ने आतंक का रास्ता चुना, इनमें से कई महज 15 दिन के अंदर ही एनकाउंटर में मारे गए। 

बट के परिवार ने यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को उसके गायब होने के बारे में शनिवार सुबह जानकारी दी थी। इसके बाद कुछ छात्रों ने उसका पता लगाने के लिए यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन भी किया था। यूनिवर्सिटी के वीसी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि बट को ढूंढने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यूनिवर्सिटी वीसी ने इस संबंध में डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को भी लिखा था और बट को ढूंढने की अपील की थी। 

हालांकि रविवार सुबह ही यह पता चला कि शोपियां जिले के बाडीगाम गांव में जिन आतंकियों को पुलिस ने घेर लिया था, उनमें बट भी शामिल था। पुलिस को पांच आंतकियों के छिपे होने की सूचना मिली, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकियों में एनकाउंटर शुरू हो गया। 

पुलिस का कहना है कि गांदरबल जिले के चुंडुना गांव से बट के परिवार को भी बाडीगाम गांव में लाया गया था, ताकि उसे आत्मसमर्पण के लिए तैयार किया जा सके, लेकिन बट इसके लिए राजी नहीं हुआ। इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस एसपी पानी ने बताया, 'घेरे गए आतंकियों में बट भी शामिल था। उसके होने की खबर के बाद, हम उसके परिवार को यहां लेकर आए और उसे सरेंडर के लिए तैयार करने की कोशिश की, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका।'