झोलाछाप डॉक्टर से बच्ची का इलाज कराना पड़ा महंगा, हुई मौत, समझौते का दबाव भी बनाया
बड़वानी
मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में एक बच्ची की तबियत खराब हो जाने पर परिजनों द्वारा 'झोलाछाप डॉक्टर' से इलाज करवाना महंगा पड़ गया। झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बच्ची का गलत तरह से इलाज किए जाने पर उसकी मौत हो गई।
आपको बता दें कि यह मामला प्रदेश के बड़वानी जिले के पलसूद थाना क्षेत्र का है। सात वर्षीय बच्ची नवादी को बुखार आ जाने पर उसे उसके परिजन इलाज के लिए पलसूद के आशीष क्लिनिक में डॉ. किशोर पाटीदार के पास ले गए। जो कि झोलाछाप डॉक्टर बताया जा रहा है। बच्ची के पिता व दादा ने आरोप लगाए कि डॉ. किशोर पाटीदार ने बच्ची को कमर में दो इंजेक्शन लगाए। जिससे वह बेहोश हो गई। बेहोश हो जाने पर डॉक्टर ने बच्ची के मुंह में कुछ गोलियां दाल दी।
लेकिन फिर भी जब बच्ची को होश नहीं आया और उसकी हालत और भी ज्यादा बिगड़ने लगी तो डॉक्टर खुद की गाड़ी से बच्ची को उसके पिता बिहारी व दादा आलसिंह को साथ लेकर सेंधवा अस्पताल लेकर जाने लगा। सेंधवा जाते समय रास्ते में बच्ची की मौत हो गई।
सेंधवा जाते समय जब बच्ची की मौत हो गई तो झोलाछाप डॉक्टर किशोर पाटीदार मृत बच्ची के परिजनों से समझौता करने के लिए दबाव बनाने लगा। लेकिन परिजनों ने बच्ची की मौत पर कोई समझौता नहीं किया और पुलिस थाने में केस दर्ज करवा दिया।
जानकारी के अनुसार सोमवार शाम बच्ची को भी बुखार आया था। लेकिन जब मंगलवार सुबह बच्ची को बकरी चराने के लिए जाते समय फिर से बुखार आया तो बच्ची के पिता व दादा मोटरसाइकिल से इलाज कराने पलसूद में आशीष क्लिनिक में डॉ. किशोर पाटीदार के पास ले गए। जिसके बाद ये सारा प्रकरण हुआ। इसके बाद परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस इस पुरे मामले के साथ गंभीरता से जांच में जुट गई है।