डिग्री दिलाने में डॉगी ने की मदद, उसे भी मिला मानद डिप्लोमा

ब्रिटेन।
सर्विस डॉग ग्रिफिन की कहानी आज पूरी दुनिया में मशहूर हो रही है। उसकी मालकिन ब्रिटनी हाउले व्हीलचेयर के सहारे चलती हैं और उन्हें क्रॉनिक पेन की समस्या है। उन्हें कक्षा में जब भी किसी चीज की जरूरत पड़ती उनका मददगार ग्रिफिन हमेशा मौजूद रहता। अगर उन्हें अपने मोबाइल फोन की जरूरत होती, तो इसे भी वह उन्हें ढूंढकर दे देता।
हाउले की इंटर्नशिप के दौरान जब वह मरीजों की मदद कर रही थीं, तब भी ग्रिफिन बगल में दुम हिलाते हुए मंडराता रहता था। हाउले ने कहा कि ग्रिफिन दरवाजा खोलने, लाइट जलाने और इशारा करने पर कोई भी चीज लाने जैसे कई काम कर देता है। भले यह काम उतना बड़ा नहीं लगे, लेकिन जब वह भीषण दर्द का सामना करती थीं, तो वह उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
क्लार्कसन विश्वविद्यालय से ऑक्यूपेशनल थैरेपी में मास्टर डिग्री पूरा करने के बाद शनिवार को जब हाउले अपनी डिग्री ले रही थीं, तो ग्रिफिन भी उनके साथ मौजूद था। हाउले ने सोमवार को कहा कि स्नातक की कक्षा के पहले दिन से ही वह उसके साथ रहा। उन्होंने कहा, जो मैंने किया वह सब इसने भी भी किया।
पोस्टडैम न्यूयार्क स्कूल के बोर्ड ट्रस्टी ने शनिवार को ‘गोल्डन रीट्रीवर’ नस्ल के चार वर्षीय ग्रिफिन को भी सम्मानित करते हुए कहा कि हाउले की सफलता में इसने असाधारण योगदान दिया। वह हर वक्त साथ रहकर हाउले की भरपूर मदद करता रहा।
उत्तरी कैरोलाइना में विल्सन की रहने वाली हाउले और ग्रिफिन ने इंटर्नशिप के दौरान नार्थ कैरोलाइना के फोर्ट ब्राग में काम किया। बताते चलें कि विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहे निशक्त लोगों की मदद करने वाले ऐसे प्रशिक्षित कुत्तों को ‘सर्विस डॉग’ कहा जाता है।