नैशनल कॉन्फ्रेंस से मुख्य प्रवक्ता रुहुल्ला मेहदी ने दिया इस्तीफा

श्रीनगर
नैशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक राष्ट्रीय दैनिक अखबार में आर्टिकल लिखा। उमर अब्दुल्ला के आर्टिकल को लेकर उनकी पार्टी में दो फाड़ हो गए। विवाद के बाद उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा देने की मांग से पीछे हट गए।
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'मैंने सिर्फ इतना कहा था कि जम्मू-कश्मीर राज्य का सीएम होने के तौर पर मैं केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। सिर्फ इतना ही कहा था, इससे न कम न ज्यादा। बाहर के लोग हल्ला मचा रहे हैं कि मैं जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाने की मांग कर रहा हूं।'
पार्टी को बड़ा झटका, रुहुल्ला ने दिया इस्तीफा
उमर अब्दुल्ला की यह सफाई तब आई है जब नैशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता रुहुल्ला मेहदी ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया। रुहुल्ला मेहदी एक प्रभावशाली शिया नेता माने जाते हैं। उनका मध्य कश्मीर के बडगाम में बड़ा प्रभाव है। रुहुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस को मुख्य प्रवक्ता पद से अपना इस्तीफा भेज दिया है और अब से मेरे किसी भी बयान को उस तरह नहीं देखा जाए।'
'राज्य बनाने की मांग आखिरी'
रुहुल्ला ने अब्दुल्ला पर पार्टी की मांग भूल जाने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट किया, 'राज्य का दर्जा बहाल करना न्यूनतम मांग है। यह आखिरी मांग होनी चाहिए। हमारी मांग जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जें का राज्य बहाल करने की है।'
पत्रकारों पर जमकर बरसे
उमर अब्दुल्ला को आठ महीने हाउस अरेस्ट करके रखा गया था। उन्हें इसी साल मार्च में रिहा किया गया। उनका कश्मीर को लेकर राजनीतिक बयान आर्टिकल 370 हटाए जाने के पहली बार आया है। अब्दुल्ला ने अपने आर्टिकल को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप पत्रकारों पर लगाया। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं इससे असहमत हूं, यह कहने में कोई समस्या नहीं है। मैंने कहा और किया लेकिन जब आप कोई कुछ खोज करते हैं और मेरी जुबान से कोई शब्द लेकर मेरे ऊपर ही अटैक करते हैं तो यह मेरे बारे में तुम्हारे बारे में उससे कहीं ज्यादा है। आप सब आलसी पत्रकारों और टिप्पणीकारों से मैं पूछता हूं कि कृपया मुझे दिखाएं कि मैंने कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाए रखने की मांग कब की?'
बोले, नफरत वाले तो नफरत करेंगे
उमर अब्दुल्ला ने एक के बाद एक लगातार ट्वीट किए। उन्होंने आगे लिखा, 'नफरत वाले नफरत करेंगे, कुछ भी नहीं बदलेगा। कुछ लोग हैं जिनसे मैं कुछ अच्छे की उम्मीद कर सकता हूं। उदासीनता राजनीति का एक हिस्सा है और हर किसी को इसके साथ जीना सीखना चाहिए। जीवन चलता रहेगा।'