भारत-मालदीव के बीच 50 मिलियन डॉलर का डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट एग्रीमेंट साइन किया गया

भारत-मालदीव के बीच 50 मिलियन डॉलर का डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट एग्रीमेंट साइन किया गया

माले
भारत और मालदीव के बीच 50 मिलियन डॉलर का बेहद महत्वपूर्ण सुरक्षा समझौता किया गया है। मालदीव की राजधानी माले में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मालदीव के रक्षामंत्री मारिया दीदी के बीच 50 मिलियन डॉलर का डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट एग्रीमेंट साइन किया गया है। भारत सरकार ने मालदीव सरकार के साथ हुए इस समझौते को बेहद महत्वपूर्ण बताया है।
 
मालदीव के साथ डिफेंस डील पर दस्तखत करने के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि 'मालदीव की सुरक्षा के लिहाद से भारत हमेशा से बेहद महत्वपूर्ण और विश्वसनीय पार्टनर रहा है'। भारत के साथ हुए इस सुरक्षा समझौते से मालदीव समुन्द्र में अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा। दो दिन के मालदीव दौरे पर गये विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी से मुलाकार की और दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझौता हुआ है। आपको बता दें कि भारत की तरफ से 'लाइन्स ऑफ क्रेडिट' के तहत मालदीव में आठ बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
 
इंटरनेशनल रिलेशन एंड इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन के फैकल्टी डॉ. मनन द्विवेदी के मुताबिक, रणनीतिक तौर पर मालदीव भारत के नजदीक और हिंद महासागर में महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर स्थिति है। चूंकी चीन की भी नजर हिन्द महासागर पर है, लिहाजा भारत के लिए मालदीव का महत्व और बढ़ जाता है। मालदीव को साउथ एशियन कंटिनेंट में महत्वपूर्ण भागीदार के तौर पर देखा जाता है और चूंकी मालदीव में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI अपनी पैठ बनाने के लिए बेकरार है, ताकि चीन को हिन्द महासागर में घुसपैठ कराया जाए लिहाजा भारत के लिए मालदीव बेहद महत्वपूर्ण है। भारत और मालदीव के बीच सुरक्षा, पुलिसिंग एवं कानून प्रवर्तन, आतंकवाद-निरोधी अभियान समेत कई सैन्य समझौते हैं।

अगर राजनयिक संबंधों की करें तो मालदीव के आजाद होने के बाद आजतक के भारत के सभी प्रधानमंत्रियों ने मालदीव की यात्रा की है। इसके अलावा उच्च-स्तरीय मंत्रियों के दौरे भी होते रहते हैं। इसके अलावा पिछले साल नवंबर में भारत और मालदीव के बीच ग्रेटर माले की कनेक्टिविटी परियोजना के तहत 100 मिलियन डॉलर का करार किया गया था। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक संकट से निपटने के लिए भारत ने मालदीव को 250 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता भी दी थी।