राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी के समर्थन पर आजम खान का जवाब- विरोध से भी क्या होगा
मेरठ
अपने बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता आजम खान ने कहा है कि अयोध्या में यदि साधु-संत राम मंदिर बनाने की पहल करेंगे तो हम हरी झंडी देंगे। बता दें कि यह बयान आजम खान ने मेरठ में दिया।
आजम खान से पूछा गया कि क्या आप राम मंदिर निर्माण में समर्थन देंगे इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे मुखालिफत करने से भी क्या हो जाएगा, 6 दिसंबर 1992 को हम क्या कर सके थे। सुप्रीम कोर्ट कुछ नहीं कर सकी थी, हाई कोर्ट कुछ नहीं कर सकी थी...वह बड़ा मामला था। हम पहले दिन से कहते हैं कि कानून किसी को हाथ में नहीं लेना चाहिए। अदालत का फैसला मानिए, इसमें क्या परेशानी है।
आजम खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चंद रोज पहले फासिस्ट ताकतों को एक बड़ी हार मिली है, इस बात की हम सभी को जानकारी है। हम सबको यकीन है कि अभी देश का सेकुलरिज्म बाकी है। यह किसी पार्टी की हार और जीत नहीं हुई। इस वक्त एक विचारधारा हारी है। कौन सी विचारधारा जीती है इससे भी हमें कोई लेना देना नहीं है। जो नतीजे आए हैं उसमें सबसे मजबूत नतीजा एक ऐसे राज्य का है, जिसके बारे में खुद विरोधियों का मानना था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार छत्तीसगढ़ से खत्म नहीं हो सकती है लेकिन बीजेपी का सबसे बड़ा नुकसान छत्तीसगढ़ में हुआ है। बीजेपी के सारे अजेंडे नाकाम हो गए हैं।
'हिंदू समाज को हो रहा है ज्यादा नुकसान'
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने जो सीख दी थी नौजवानों को लिन्चिंग के माध्यम से, उसका नुकसान अब हिंदू समाज को ज्यादा हो रहा है। वही पीटे जा रहे हैं, वही पकड़े जा रहे हैं, वही जेल जा रहे हैं।'
'योगी का हनुमानजी से नहीं, अली से झगड़ा है'
आजम खान रविवार को मेरठ पहुंचे और उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को हिदायत दी कि किसी भी धार्मिक सभा या ऐसी किसी राजनीतिक सभा से बचें, जिससे फासिस्ट (फासीवादी) लोगों को एकजुट होने का मौका मिल सके। यही नहीं, आजम खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि उनका हनुमानजी से कोई झगड़ा नहीं है लेकिन अली से झगड़ा है, जिसके लिए वह उन्हें माफ करते हैं।
'यूपी, बंगाल के बिना कोई प्लान नहीं हो सकता कामयाब'
आजम खान ने कहा कि पिछले दिनों हमने यह तय किया था कि जब कोई गठबंधन हो तो उसमें सभी सेकुलर पार्टियों और सेकुलर लोगों को शरीक किया जाए। जब कोई बड़े पैमाने पर मीटिंग हो तो अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को भी शामिल किया जाए, जो कि पिछली मीटिंग्स में नहीं हुआ। दिल्ली में हुई मीटिंग में कई ऐसे दल छोड़ दिए गए जिनका शामिल होना जरूरी था। आजम ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम इन राज्यों को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी को ताकत से हटाने का कोई प्लान कामयाब हो सकता है तो ऐसा संभव नहीं है। इसलिए उत्तर प्रदेश बंगाल का राजनीतिक वर्चस्व बढ़ा देना चाहिए।
जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर आजम ने उठाया सवाल
इन सबके इतर आजम खान ने ड्रीम प्रॉजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों की तालीम (शिक्षा) के लिए विश्वविद्यालय बनाया है, न कि कोई वेश्यालय या मदिरालय। उन्होंने कहा कि सरकार ने जौहर यूनिवर्सिटी की पानी की टंकियों के कनेक्शन कटवा दिए, जो बेहद शर्मनाक है। आजम खान ने मेरठ में लोगों को यकीन दिलाया कि दलों के शीर्ष नेताओं को छोड़कर स्थानीय लोगों को ही टिकट दिया जाएगा, जिससे धर्म के नाम पर रानजीति करने वालों को हराया जा सके।