शिवराज सरकार बदलने के लिए कम्प्यूटर बाबा की नर्मदे संसद, साधु-संतों से मन की बात
जबलपुर
सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार के ख़िलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा आज जबलपुर में नर्मदे संसद कर रहे हैं. इसमें शामिल होने हज़ारों साधु संत जबलपुर पहुंचे हैं. दावा है कि 11 हज़ार से ज़यादा साधु इसमें शामिल होने आए हैं.
नर्मदा नदी के नाम पर हो रहे इस संत समागम का मुद्दा राजनीतिक है. सीएम शिवराज सिंह चौहान से नाराज़ चल रहे कम्प्यूटर बाबा इन साधु-संतों के साथ प्रदेश की राजनीति पर मंथन करेंगे. वो प्रदेश सरकार के ख़िलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. आज की नर्मदे संसद में कम्प्यूटर बाबा सत्ता परिवर्तन के लिए रणनीति बनाएंगे. वो सबको लामबंद कर रहे हैं.
जबलपुर में नर्मदा तट के ग्वारीघाट पर नर्मदे संसद हो रही है. इसमें शामिल होने के लिए साधु-संतों का गुरुवार से जबलपुर पहुंचना शुरू हो गया था. बाबा आज सुबह नर्मदा का जल लेकर कलश यात्रा पर निकले और फिर परिवर्तन यज्ञ किया. इस यज्ञ में यहां आए हज़ारों संतों ने आहूति दी.
कम्प्यूटर बाबा को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन उन्होंने सरकार पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाकर पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से वो लगातार शिवराज सरकार के ख़िलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. कम्प्यूटर बाबा सरकार से नर्मदा मंत्रालय बनाने की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने मन की बात के ज़रिए सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया था. 23 अक्टूबर को इंदौर, 30 अक्टूबर को ग्वालियर में उन्होंने मन की बात के ज़रिए संत समागम किया और फिर 4 नवंबर को खंडवा, 11 नवंबर को रीवा में संतों के साथ मंथन किया.
मन की बात में बाबा नर्मदा में अवैध उत्खनन, गौरक्षा और मंदिर निर्माण के मुद्दे पर चर्चा की. चुनावी सीजन में कंप्यूटर बाबा की मन की बात से खबरदार सरकार बाबा को मनाने की कोशिश में थी. लेकिन बात नहीं बनी. बाबा की राजनीतिक गतविधियों को देखते हुए दिगंबर अखाड़े ने कम्प्यूटर बाबा को 1 नवंबर को अखाड़े से निष्कासित कर दिया था. इसके बाद बाबा के कुंभ में शामिल होने पर रोक लग गयी है.