संगठन की मांग : सरकारी दफ्तरों को एक दिन छोड़कर खोलने की मांग

संगठन की मांग : सरकारी दफ्तरों को एक दिन छोड़कर खोलने की मांग

भोपाल
स्कूल बंद हैं, लेकिन शिक्षकों को स्कूलों में बुलाया जा रहा है। शिक्षण संगठनों का कहना है कि कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, ऐसी परिस्थिति में 50 फीसदी शिक्षकों को ही बुलाया जाना चाहिए। मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय प्रवक्ता ने कहा कि इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भेजा गया है। दो दिन पहले ही निशातपुरा स्थित स्कूल में चार शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

राजधानी के सरकारी दफ्तरों में भी कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों की संख्या में इजाफा हो रहा है।  अरेरा हिल्स स्थित राज्य शिक्षा केंद्र में यह संख्या 15 तक पहुंच गई है।  पाठ्यपुस्तक निगम में पॉजिटिव लोगों की संख्या 6 हो गई है। इन हालातों में अब सरकारी दफ्तरों को हफ्ते में 5 दिन के बजाए एक दिन छोड़कर खोलने की मांग उठी है। मप्र संविदा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है।

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को टीका लगवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिक्षकों को इन बच्चों के 45 वर्ष से अधिक के उम्र के अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा है। बीआरसीसी ने इस बारे में शिक्षकों की लिस्ट समेत फॉर्मेट भी जारी किया है। इसमें कहा है कि अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाएं।  इस व्यवस्था को लेकर शिक्षण संगठनों ने असंतोष जाहिर किया है।  पदाधिकारियों का कहना है कि इससे शिक्षकों में कोरोना संक्रमण का जोखिम बढ़ेगा, इसलिए यह आदेश वापस लिया जाए।