संभलकर करें दीवाली की ऑनलाइन शॉपिंग, कहीं हो न जाएं धोखाधड़ी का शिकार

संभलकर करें दीवाली की ऑनलाइन शॉपिंग, कहीं हो न जाएं धोखाधड़ी का शिकार

 आज के समय में ई-कॉमर्स वेबसाइट से शॉपिंग करने का चलन काफी बढ़ गया है। हर कोई ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करता है पर कई बार ग्राहकों को इससे भारी नुक्सान भी उठाना पड़ता है। त्योहारों के मौसम में ई-कॉमर्स वेबसाइट पर दिए जाने वाले ऑफर और कैशबैक की वजह से ब्रिक्री बढ़ जाती है। ऐसे में नकली प्रोडक्ट में भी वृद्धि होती है। कौन सी वेबसाइट द्वारा ज्यादा  नकली प्रोडक्ट भेजे गए है इसे लेकर एक सर्वे किया गया गया जिसमें 37 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइट स्नैपडील ने पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा ज्यादा नकली प्रोडक्ट भेजे हैं।
 
अन्य दूसरे भी पीछे नहीं
ग्राहकों ने अपने उस अनुभव को साझा किया जिसमें उन्हें ई-कॉमर्स साइट से नकली सामान मिले हैं। इनमें से 37 प्रतिशत लोगों ने स्नैपडील, 22 प्रतिशत ने फिल्पकार्ट, 21 प्रतिशत ने पेटीएम मॉल और 20 प्रतिशत ने अमेजन का नाम लिया। हर पांच में से एक भारतीय ने कहा कि वे ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ठगे गए। यह सर्वे 7943 लोगों के बीच किया गया। लोगों ने बताया, ई-कॉमर्स वेबसाइट स्नैपडील ने ज्यादा नकली प्रोडक्ट भेजे हैं हालांकि, अन्य दूसरे भी पीछे नहीं थे।
 
लोगों की राय
19 प्रतिशत ग्राहकों पिछले छह महीनों में ई-कॉमर्स साइट्स से नकली सामान मिलने की शिकायत की
35 प्रतिशत ने कहा कि सबसे ज्यादा परफ्यूम और सुगंध वाले सामान में नकली प्रोडक्ट मिले।
22 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें खेल के नकली सामान मिले, जबकि 35 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें कॉस्मेटिक वाले नकली सामान मिले।
49 प्रतिशत ने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को यह स्वीकार करना चाहिए और प्रोडक्ट की पूरी कीमत के साथ पेनाल्टी भी देनी चाहिए।
 

इस कारण किया गया सर्वें
लोकल सर्किल्स ने कहा कि यह सर्वे करने का निश्चय तब किया गया जब पिछले छह महीनों में सैंकड़ों ग्राहकों ने नकली सामान मिलने की शिकायत की। लोकल सर्किल्स ने कहा,त्योहारों के मौसम में सेल के दौरान भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियां हजारों करोड़ का सामान बेचती है हालांकि, ई-काॅमर्स कंपनियां ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं देती है, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं होती कि उन्हें ऑरिजनल सामान ही मिलेगा।