समाजसेवी नानाजी देशमुख को मरणोपरांत कल राष्ट्रपति भवन में मिलेगा भारत रत्न

समाजसेवी नानाजी देशमुख को मरणोपरांत  कल राष्ट्रपति भवन में मिलेगा भारत रत्न

सतना
 चित्रकूट से दुनियाभर में स्वावलंबन की अलख जगाने वाले समाजसेवी व दीनदयाल शोध संस्थान के संस्थापक नानाजी देशमुख को गुरुवार शाम छह बजे राष्ट्रपति भवन में देश का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न दिया जाएगा।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यह पुरस्कार दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह को देंगे। मालूम हो, देशभर में सामाजिक क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्यों के कारण 26 जनवरी को नानाजी देशमुख को मरणोपरान्त भारत रत्न सम्‍मान देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी।

नानाजी का राजनीतिक सफर

संघ से जुड़े नानाजी देशमुख भारतीय जनसंघ से भी जुड़े। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।